नई दिल्ली Electricity Subsidy: अगर आप बिजली उपभोक्ता हैं तो ये खबर खास आपके लिए हो सकती है। आपको बता दें केंद्र ने राज्यों में बिजली सब्सिडी के नियम को काफी सख्त कर दिया है। इस बारे में पावर मिनिस्ट्री ने एक नया नोटिफिकेशन जारी कर ये जानकारी दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के द्वारा इस पर मुहर लगाई जा चुकी है। सब्सिडी बिल के मुकाबले यदि राज्यों से मिलने वाली सब्सिडी कम हुई तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। नोटिफिकेशन में बताया गया है कि सब्सिडी लेने वाले हर उपभोक्ता को इसका डेटा देना होगा।
सरकार ने कहा कि बिजली खरीदने में होने वाले पूरे खर्च को ध्यान में रखते हुए टैरिफ तय किया जाएगा। पावर मिनिस्ट्री के अनुसार, पावर सेक्टर में निवेश बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है।
इसे भी पढ़ें- गूगल पर ढूंढता गर्लफ्रेंड से छुटकारे का टोटका, वीडियो कॉल कर फंदे से लटका, मौत के बाद जो हुआ, जानें..
इसके साथ में केंद्र सरकार रिवेंप्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत राज्यों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने, पावर डिस्ट्रीब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त करने जैसे खर्च के लिए ग्रांट यानि कि आर्थिक सहायता देती है। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में पावर मिनिस्ट्र आर के सिंह ने एक जरुरी बैठक बुलाई थी। इसमें निर्देश दिए कि स्कीम के तहत ग्रांट तभी दिए जाएं, जब ये 5 शर्तें राज्य सरकारों की तरफ से पूरी करने को कहा गया था।
रिपोर्ट सबमिट करने का आदेश
इसके अलावा पावर मिनिस्टर आरके सिंह ने इस महीने 15 दिनों के अंदर आरईसी और पीएफसी को रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इस रिपोर्ट में दोनों कंपनियों को 2022-23 के लिए सर्टिफाई करना है कि जिन उपभओक्ताओं को सब्सिडी वाली बिजली दी जा रही है वह उनके खाते की पहचान कर चुके हैं। और उस हिसाब से राज्य सरकार ने नाम पर सब्सिडी का बिल बनाया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें- आज खेला जाएगा निर्णायक मुकाबला, तैयार है भारत और वेस्टइंडीज की टीमें
इसका क्या होगा मकसद
वहीं सूत्रों के अनुसार, इस योजना का मकसद पावर सेक्टर में रिफॉर्म लाया जाए। पावर जनरेशन से लेकर पावर डिस्ट्रिब्यूशन तक नुकसान न हो जिससे कि नए निवेश इश सेक्टर में आ सकें। क्यों कि सेमीकंडक्टर जैसे प्रोजेक्ट के लिए आने वाले दिनो में काफी संख्या में बिजली की आवश्यकता होगी। इसके लिए प्रोडक्शन में इजाफा करना होगा। और ये तभी हो पाएगा जब पूरे सेक्टर को रिफॉर्म किया जाएगा।