नई दिल्लीः देशभर में अब लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, जिसे लेकर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण बनाने में जुटे हैं। सभी राजनीतिक पार्टियों का मकसद अच्छा प्रदर्शन करना है। एनडीए को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए बना इंडिया गठबंधन अपने साथियों को बढ़ाने की पुरजोर कोशिश में लगा है।
इस बार इंडिया गठबंधन की सबसे अधिक परीक्षा बिहार की सरजमीं पर होनी है, क्योंकि यहां नीतीश कुमार ने पाला बदलकर एनडीए के साथ सरकार बनाई है। सीएम नीतीश कुमार ही ऐसे नेता थे जिन्होंने इंडिया गठबंधन तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस बीच बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी(एलजेपी) के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने बड़ा बयान देकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। चिराग पासवान ने कहा कि हर दल उनकी पार्टी को अपने खेमे में रखना चाहता है। पासवान के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि वह बेहतर पेशकश करने वाले के पाले में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इससे पहले एलजेपी ने एनडीए के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था।
चिराग पासवान ने कही बड़ी बात
लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि हर पार्टी हर गठबंधन है कि चिराग पासवान उसके साथ रहे। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि लोग उनके ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ दृष्टिकोण से प्रभावित हैं, जो राज्य को पुराने पिछड़ेपन से बाहर निकालना चाहता है।
उन्होंने अपने भाषण में खुद को ‘शेर का बेटा’ बताते हुए अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के सच्चे उत्तराधिकारी के रूप में पेश करने का प्रयास किया। इससे पहले हुए लोकसभा चुनाव में एलजेपी ने साल 2019 में छह सीटों पर चुनाव लड़कर सभी पर जीत दर्ज की थी।
चिराग ने जद सीएम नीतीश कुमार और LJP विभाजित करने वाले अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस का नाम लेने से परहेज किया। उन्होंने उन ‘साजिशों’ के बारे में विस्तार से बात की, जिनका उन्हें सामना करना पड़ा था।
जानिए किन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं चिराग
बिहार के युवा नेताओं की छवि बनाने वाले चिराग पासवान कुछ सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। चिराग पासवान ने कहा कि इन “साजिशों” का उद्देश्य उनके घर, परिवार व पार्टी को तोड़ना था, लेकिन “मैंने दिखाया है कि चिराग पासवान को डराया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि उनकी अगुवाई वाली एलजेपी हाजीपुर से चुनाव लड़ेगी जहां से उनके पिता पासवान ने कई बार चुनाव जीता था।