नई दिल्ली। हमारे जीवन में बहुत सी चीजें हमारे कर्म के अलावा समय पर भी निर्भर होती है समय अगर अच्छा चल रहा हो तो हमारे जीवन में बहुत चीजें अच्छी होती है, वही अगर थोड़ा सा भी समय बदलता है तो हमारे अच्छे से अच्छे काम बिगड़ने लग जाते हैं, कई बार समय का ही चक्र होता है जिसके चलते बिगड़ते काम भी बनने लगते हैं।
ऐसा हमेशा देखा गया है कि लोग अपने घर की सजावट और आर्किटेक्ट का ध्यान में रखते हुए घड़ी, जो रोजाना इस्तेमाल में आने वाली वस्तु है उसे नजरअंदाज करते हैं और सजावट के चलते कहीं भी लगा देते हैं, वो भी बिना सही दिशा के ज्ञान के। घड़ी को कहीं पर लगाने से जीवन में बहुत सी परेशानी आने लगती है ऐसे में आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में घड़ी को किस दिशा में लगाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में यह कहा गया है कि दिशा का बहुत महत्व हैबहुत महत्व बताया गया है। किसी भी विषय के बारे में पूरी और विशेष जानकारी होना ही उसे उसका पूरा लाभ दे सकती है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक कमरे में दीवार पर लगी घड़ी आपको हमेशा उत्तर पूर्व और पश्चिम दिशा में लगाना चाहिए। कभी भी दक्षिण दिशा में घड़ी नहीं लगाना चाहिए, धार्मिक ग्रंथों का मानना है कि धन के देवता कुबेर उत्तर दिशा और देवराज इंद्र पूर्व दिशा में रहते हैं ऐसे में घड़ी को इन दोनों दिशा में रखने से, घरवालों के आर्थिक तरक्की के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिशा में घड़ी लगाने से परिवार में सुख शांति समृद्धि और संपन्नता सदैव बनी रहती है।
इन बातों का भी आपको खास ध्यान रखना चाहिए, वास्तु शास्त्र में यह कहा गया है कि हमेशा घर में गोलाकार की घड़ी लगानी चाहिए।
- कभी भी घड़ी के शीशे टूटे या फिर बंद बेकार पुरानी घड़ी ना हो।
- बेडरूम में कभी भी पेंडुलम घड़ी नहीं लगानी चाहिए, घर में कभी भी काले एवं नीले रंग का घड़ी नहीं लगाना चाहिए।
- घड़ी की हमेशा साफ सफाई बरकरार रखनी चाहिए, खास ध्यान रखें की घड़ी ठीक समय बता रही है कि नहीं।
- वास्तु शास्त्र में यह कहा गया है कि सभी रूम या फिर बरामदे में घड़ी नहीं लगाना चाहिए खासकर बालकनी में तो भूलकर भी घड़ी नहीं टांगनी चाहिए।