नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से परीक्षा पेपर लीक का मुद्दा एक बड़ी चिंता और चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दें कि हाल ही में यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक का मामला सामने आया था, अब सके बाद NEET और UGC NET के पेपर लीक के मामले की वजह से पूरे देश में आक्रोश का माहौल देखने को मिल रहा है।
छात्र और राजनेता विरोध के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। इसके जवाब में, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पेपर लीक को रोकने और सॉल्वर गिरोहों पर लगाम लगाने के लिए अब नया कानून लाने जा रही है। यह कानून ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों पर भारी जुर्माना, बुलडोजर कार्रवाई और यहां तक कि कारावास सहित कठोर दंड लगाएगा।
योगी सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए नई नीति की भी घोषणा की है। इस नीति के तहत प्रत्येक पाली में कम से कम दो या उससे अधिक सेट पेपर होने चाहिए। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रश्नपत्रों के प्रत्येक सेट को अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से मुद्रित किया जाएगा। पेपर की कोडिंग को और अधिक सुव्यवस्थित भी कर दिया जायेगा।
चयन परीक्षा केंद्रों के लिए केवल सरकारी माध्यमिक विद्यालय, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज या साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले प्रतिष्ठित, अच्छी तरह से सुसज्जित शिक्षण संस्थानों पर विचार किया जाएगा। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रों को सीसीटीवी की निगरानी में रखा जायेगा।
प्रश्न पत्रों में गोपनीय कोड
इसके अलावा, प्रत्येक प्रश्न पत्र में गोपनीय कोड होंगे। प्रश्न पत्र के प्रत्येक पृष्ठ पर अद्वितीय सुरक्षा चिह्न होंगे, जैसे बारकोड, क्यूआर कोड और अद्वितीय सीरियल नंबर, ताकि ज़रूरत पड़ने पर श्रृंखला का पता लगाया जा सके। प्रश्न पत्रों को ले जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बक्सों में छेड़छाड़-रोधी बहु-परत पैकेजिंग होगी। प्रश्न पत्रों को सेट करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा और परीक्षा नियंत्रक नियमित रूप से मुद्रण एजेंसी का निरीक्षण करेंगे।
प्रिंटिंग प्रेस में मोबाइल और कैमरा अब लगेगा बैन
अब प्रिंटिंग प्रेस के चयन में सख्त गोपनीयता बरती जाएगी। प्रेस में आने-जाने वाले सभी व्यक्तियों की अच्छी तरह से जांच की जाएगी और सभी के पास पहचान पत्र होना अनिवार्य है। प्रेस के अंदर बाहरी व्यक्तियों को जाने की अनुमति भी नहीं होगी। प्रेस के अंदर अब से स्मार्टफोन और कैमरा ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध कर दिया जायेगा।
प्रेस के चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और रिकॉर्डिंग को एक साल तक सुरक्षित रखा जाएगा। अगर यूपी सरकार भी राजस्थान मॉडल को अपनाती है तो यूपी में तैयार किये जा रहे कानून में पेपर लीक के आरोपियों को उम्र कैद की सजा के साथ ही 10 करोड़ रुपये जुर्माना भी लागू किया जा सकता है।