नई दिल्लीः हर कोई देसी घी का सेवन इसलिए करता है कि शरीर ऊर्जावान रहे और ताकतवर रहे, जिससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। देसी घी खाने से शरीर में सौ बीमारियों का खात्मा देखने को मिलता है। यह दिमाग में बढ़िया दुरुस्त कर देता है, जिससे हर किसी की परेशानियां खत्म हो जाती हैं। क्या आपको पता है कि मार्केट में आजकल नकली घी की भरमार है, जिससे तमाम बीमारियां फैल रही हैं।
इससे हर किसी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगर आप देसी घी मार्केट से खरीदने की सोच रहे हैं तो पहले आपको जरूरी बातों को जानना होगा। नकली घी खाने से लोगों को तमाम बीमारियों का शिकार होना पड़ता है, जिससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। इसलिए आपको जरूरी बातों को समझना होगा।
शुद्ध घी की कैसा पहचान करें?
एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुजरात के फूड एंड ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन ने नवसारी में 3000Kg नकली घी को जब्त कर लिया गया है। इस घी में गंदे तेल की मिलावट की गई थी। इसे कुछ जानकारों के अनुसार, शरीर के लिए जहरीला मानते हैं। इस कंपनी का घी बड़े पैमाने पर उपभोग किया जाता है। अगर आप भी बाजार से घी लाकर खाते हैं तो पहले उसकी जांच कराने का काम कर सकता है।
पामोलीन तेल को ताड़ का तेल कहते हैं। भारत में अधिकतर इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही हार्वर्ड इस तेल को दिल की बीमारियों का बाप मानता है। इसके साथ ही तेल सारी हार्ट डिजीज पैदा होती है। इसमें लगभग 50 फीसदी सैचुरेटेड फैट होता है। यह फैट नसों में जाकर प्लाक बन जाता है। नसों को ब्लॉक करने का काम किया जाता है। शरीर के लिए सबसे अच्छा होममेड देसी घी होता है।
फटाफट जानिए जरूरी बातें
देसी घी के अंदर स्टार्च की मिलावट देखने को मिलती है। देसी घी में स्टार्च भी मिलाया जाता है। एक एक चम्मच देसी घी में 2-3 बूंद आयोडीन टिंक्चर डालें। इसके साथ ही कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नकली घी को केमिकल डाले बिना भी पहचान की जा सकती है। इसके साथ ही 1 चम्मच देसी घी को गर्म करें। असली घी का रंग भूरा होने लगेगा। अगर यह पिघलने में देर लगाता है और रंग हल्का पीला रहता है।