नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक ऐसी घटना हुई जिसने देश और दुनिया को झकझोर के रख दिया है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच का आदेश जारी कर दिया है। सीएम योगी खुद जाकर पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। अब तक इसमें 116 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है।

इतना नहीं 7 बच्चों ने भी जान चली गई। साथ ही बुधवार को वे खुद हाथरस जाकर पड़ितों से मुलाक़ात करेंग। अब इस भगदड़ को शुरू करने में बाबा के सेवादारों को भूमिका भी शक के घेरे में है। सेवादारों ने ही भीड़ को काबू करने के लिए लाठियां बरसाने का काम किया था। भगदड़ मचने की यह भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है। पुलिस बाबा और उसके मैनेजर की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है। अभी तक बाबा का अता-पता नहीं चल सका है।

बाबा के मैनेजर की तलाश में दबिश दे रही पुलिस

हाथरस घटना में यूपी पुलिस काफी सख्ती से पेश आ रही है, जिसकी सीएम योगी ने 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। यूपी पुलिस बाबा के पैतृक गांव की प्रॉपर्टी पर बने ट्रस्ट के मैनेजर SK सिंह की भी तलाश चल रही है। जानकारी के अनुसार, बाबा के मैनेजर एसके सिंह ने अपना मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ कर लिया है।

इसके साथ ही पुलिस लगातार संपर्क करने की कोशिस में जुटी है। इसके साथ ही पीएसी के तीन कमांडेंट हाथरस घटना स्थल जा पहुंचे हैं। इसके साथ ही आगरा, एटा, अलीगढ़ से पीएसी कंपनियां हाथरस पहुंची हैं। NDRF व SDRF की 2 कंपनियां भी तैनात कर दी गई है। हाथरस में हुए मौतों की घटना की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है।

भोले बाबा के सत्संग में पहले भी टूट चुके नियम

भोले बाबा के सत्संग में पहले भी नियम कानून टूटे हैं, जहां लोगों को बड़े नुकसान झेलने पड़े। मई साल 2022 में जब देश में कोरोना की लहर चल रही थी। उस समय फर्रुखाबाद में भोले बाबा ने सत्संग का आयोजन कराया गया था। जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की परमिशन दी गई थी। इसके साथ ही कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50 हजार से ज्यादा लोग सत्संग में शामिल हुए थे। यहां उमड़ी भीड़ के चलते शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी।