Budget 2024: केंद्र सरकार अब जल्द ही अगले सप्ताह अपना आम बजट पेश करने जा रही है, जिसकी तैयारियों तेजी से चल रही हैं. मोदी सरकार अपने तीसरे शासन काल का पहला पूर्ण बजट पेश करेगी, जिससे सभी वर्गों के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. इस बार वित्तीय बजट रेलवे विभाग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है, जिसमें कुछ बड़े ऐलान होने संभव माने जा रहे हैं.
सभी की निगाहें वित्त मंत्री के बजट भाषण पर टिकी हुई हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कुछ छोटे शहरों को भी रेल लाइन से जोड़ने का ऐलान किया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो फिर रेल से सफर करने को आपको बड़े शहरों में जाना नहीं होगा. इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि इस बजट के दौरान 50,000 से 1 लाख की आबादी वाले शहरों पर ध्यान रखकर बनाया गया है.
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वित्तीय बजट में इंडियन रेलवे के लिए 2.9-3.0 लाख करोड़ के बजट आवंटन करने का काम किया जा सकता है, जो किसी बड़ी सौगात की तरह होगा. बजट में क्या बड़ी घोषणाएं होंगी, इसका ऐलान तो 23 जुलाई को ही पता चलेगा. अभी तो केवल कयास ही लगाने का काम किया जा रहा है.
जानिए रेल रेलवे बजट से संबंधित जरूरी बातें
इंडियन रेलवे के लिहाज से यह बजट काफी महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है. 23 जुलाई, 2024 को केंद्रीय बजट 2024-25 के भाषण के दौरान रेल बजट की घोषणा की जानी संभव मानी जा रही है. केंद्रीय बजट भाषण रात 11:00 बजे से शुरू किया जायेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मोदी शासन में दूसरी बार 9 जून, 2024 को रेल मंत्रालय का कार्यभार संभाला है.
वहीं, फरवरी 2024 में भारतीय रेलवे ने टिकट की कीमतों को कोविड से पहले के स्तर पर कर दिया था, इससे पहले यात्रियों को पैसेंजर ट्रेन से यात्रा करने के लिए एक्सप्रेस का किराया भुगतना पड़ता था. अब अगले वित्तीय बजट में ऐसी कोई उम्मीद नहीं है लगाई जा रही है. रेल बजट के अलावा सरकार ग्रामीण इलाकों से जुड़े लोगों के लिए भी खजाने का पिटारा खोल सकती है. पीएम किसान सम्मान निधि योजना की राशि में भी इजाफे की आशंका जताई जा रही है.
पीएम किसान सम्मान निधि की कितनी बढ़ेगी राशि
केंद्र सरकार अपने वित्तीय बजट में पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े लोगों के लिए खजाने का पिटारा खोल सकती है. चर्चा है कि सरकार इस योजना के तहत मिलने वाली राशि में इजाफा कर सकती है. सरकार मिलने वाली 6000 रुपये की राशि को सालाना 8 हजार करने पर विचार कर रही है. किसान संगठन काफी दिनों से इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जिस पर अब फैसला लिया जाना संभव माना जा रहा है.