Fastag: हाईवे पर चलते हुए बहुत से ऐसे वाहन होते हैं, जिनपर फास्टैग नहीं लगा होता है. कुछ लोग तो ऐसे रहते हैं कि जानबूझकर फास्टैग नहीं लगाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है. अगर आपने अपने वाहन के विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाया तो फिर दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा, जिसे जानना बहुत ही जरूरी होगा. राष्ट्रीय राजमार्ग यूजर्स को विंडस्क्रीन पर फास्टैग जानबूझकर नहीं लागने वालों के लिए एक बड़ा नियम बना दिया है, जिसे जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी है.
एनएचएआई ने कड़े कदम उठाए हैं। जो यूजर वाहन के अंदर से सामने की विंडस्क्रीन पर बिना फास्टैग चिपकाए टोल लेन में एंट्री करते हैं. इसके साथ ही एनएचएआई ने उनसे दोगुना शुल्क वसूलने के का आदेश जार कर दिया गया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी कर गुरुवार को यह जानकारी दी गई है. NHAI के मुताबिक, विंडस्क्रीन पर फास्टैग को जानबूझकर नहीं लगाने से टोल प्लाजा पर जरूरत से ज्यादा देरी होती है. इससे राष्ट्रीय राजमार्ग में राहगीरों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है.
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एनएचएआई ने बयान में कही बड़ी बात
एनएचएआई ने अपने बयान में कुछ बड़ी जानकारी साझा की है. बयान में कहा गया है कि सभी यूजर्स संग्रह एजेंसियों और रियायतकर्ताओं को सामने की विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाने की स्थिति में दोगुना यूजर फीसद वसूलनेके लिए विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर दी गई है. बयान के मुताबिक, सभी यूजर शुल्क प्लाजा पर प्रमुखता से यह जानकारी पुस्तुत की जाएगी.
इसके साथ ही नेशनल हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों को विंडस्क्रीन पर निश्चित फास्टैग के बिना टोल दंड भुगतना पड़ेगा. इस परेशानी से बचने के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा. वाहन में फास्टैग नहीं लगा है, जिनके शुल्क प्लाजा पर वाहन रजिस्ट्रेशन संख्या के साथ सीसीटीवी फुटेज रिकॉर्ड करने का काम किया जाएगा. वहीं, इससे वसूले गए शुल्क और टोल लेन में वाहन की मौजूदगी के संबंध में उचित रिकॉर्ड स्थिर रखने में काफी सहायता मिलेगी.
जानिए कैसे होती है वसूला
एनएचएआई राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क के नियमानुसार, साल 2008 के मुताबिक, राष्ट्रीय राजमार्गों पर उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने का काम किया जाता है. देशभरमें इस हाईवे पर करीब 1,000 टोल प्लाजा पर करीब 45,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के लिए यूजर्स से फीस वसूलने का काम किया जाता है.
करीब 98 प्रतिशत की पैठ दर और 8 करोड़ से ज्यादा यूजर्स के साथ, फास्टैग ने देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम में काफी क्रांति लाने का काम किया है. फास्टैग के बाद टोल प्लाज पर भीड़भाड़ कम देखने को मिली.