नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट में पिछले कुछ महीनों में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। इनमें से एक बदलाव है T20I टीम की कप्तानी का। रोहित शर्मा के बाद सूर्यकुमार यादव को नया कप्तान बनाया गया है, जबकि हार्दिक पांड्या को उप-कप्तानी से भी हटा दिया गया है। हार्दिक पांड्या को कप्तानी न मिलने से कई फैन्स हैरान और निराश हैं।
लेकिन क्या है असली वजह?
हार्दिक पांड्या को T20I में कप्तानी न मिलने के मुख्य कारण:
1. फिटनेस:
हार्दिक पांड्या पीठ और कमर की चोट से लगातार जूझ रहे हैं। IPL 2024 में भी उन्हें चोट के कारण कुछ मैचों से बाहर होना पड़ा था। चयनकर्ताओं को शायद यह चिंता रही होगी कि अगर हार्दिक पांड्या को कप्तान बनाया जाता है, तो वह लगातार टीम के लिए उपलब्ध नहीं रह पाएंगे।
2. फॉर्म:
पिछले कुछ समय से हार्दिक पांड्या का फॉर्म भी कुछ खास नहीं रहा है। IPL 2024 में उन्होंने 15 मैचों में केवल 260 रन बनाए और 8 विकेट लिए।
3. अनुभव:
हालांकि हार्दिक पांड्या IPL और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी अनुभवी खिलाड़ी हैं, लेकिन T20I में कप्तानी का उनका अनुभव सीमित है।
4. कप्तानी:
हार्दिक पांड्या निश्चित रूप से एक प्रभावशाली कप्तान हैं, लेकिन T20I में कप्तानी के लिए रणनीति बनाने और दबाव में सही फैसले लेने का अनुभव उनके पास कम है।
5. टीम में संतुलन:
हार्दिक पांड्या एक ऑलराउंडर हैं और टीम में उनका होना महत्वपूर्ण है। अगर उन्हें कप्तान बनाया जाता, तो उन्हें बल्लेबाजी, गेंदबाजी और कप्तानी तीनों जिम्मेदारियां संभालनी पड़तीं। इससे टीम में संतुलन बिगड़ सकता था।
6. अन्य विकल्प:
सूर्यकुमार यादव और शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ी भी कप्तानी के लिए दावेदार थे। सूर्यकुमार यादव T20I में शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और उनका अनुभव भी कम नहीं है।
हार्दिक पांड्या के भविष्य की बात करें तो वह अभी भी भारतीय टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं और T20I में उनकी भूमिका कम नहीं होने वाली है।
हार्दिक पांड्या को T20I में कप्तानी न मिलने के पीछे कई संभावित वजहें हैं।
यह फैसला चयनकर्ताओं ने टीम के हित को ध्यान में रखकर लिया होगा।