Bhu Aadhaar Update: वित्तीय साल 2024-25 के बजट में कुछ ऐसे ऐलान किए गए, जिन्हें जानना बहुत ही जरूरी है. अधिकतर लोगों की नजर मिडिल क्लास और गवर्नमेंट कर्मचारी और पेंशनर्स को क्या मिला इस पर होती है. लेकिन बजट में कुछ ऐसे फैसले भी लिए जाते हैं, जिनकी चर्चा बहुत ही कम और फायदे अधिक होते हैं. केंद्र सरकार ने बजट में एक ऐसा ही प्रस्ताव लेकर आई है, जिसकी मतलब ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों से है.

सरकार ने बजट में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिक सुधार को लेकर बड़े कदम उठाने का फैसला लिया है. सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिक के लिए विशिष्ट पहचान संख्या और भू-आधार और सभी शहरी भूमिक अभिलेखों के डिजिटलीकरण का प्रस्ताव सबके सामने रखकर चौंका दिया है.

सरकार सबकी जमीन का भू आधार इसलिए बनवाना चाहती है, जिससे लड़ाई झगड़े खत्म हो. इतना ही नहीं भू आधार से जमीन के मालिकाना हक की पहचान हो सकेगी. आगामी तीन साल में इन भूमि सुधारों को पूरा करने के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का काम किया जाएगा. इससे जुड़ी जरूरी बातें नीचे जान सकते हैं.

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Bhu Aadhaar Update: जानिए क्या है भू-आधार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलान बाद आपके दिमाग में कई तरह के असमंजस होंगे जो खत्म हो जाएंगे. दरअसल, सरकार ने भू-आधार की शुरुआत कर दी है. सरकार का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों की सभी भूमिक को 14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या मिलेगी. जिसे भू-आधार के नाम से पहचाना जाता है. इसमें भूमि नाम पहचाना जाता है.

इसमें भूमि की पहचान संख्या के साथ सर्वे मानचित्रण व स्वामित्व और किसानों का पंजीकरण कराने का काम किया जाएगा. इससे कृषि मिलने में आसानी होगी और अन्य कृषि सेवाओं में भी सुविधाओं का लाभ मिलता है. गौरतलब है कि सरकार ने यह महत्वाकांक्षी परियोजना भारत के भूमि अभिलेखों का डिजिटल बनाने का कम किया है. यह बनाने के बाद जमीन के मालिकाना हक होगा.

Bhu Aadhaar Update: शहरों में भी होगा यह काम

शहरी इलाकों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटल करने का काम किया जाएगा. इसके साथ ही संपत्ति रिकॉर्ड प्रशासन, अपडेशन और टैक्स प्रशासन के लिए एक आईटी सिस्टम बनाने का काम किया जाएगा. शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने की सहायता देने का का होगा. आपको जानना होगा की भू-आधार कैसे काम करेगा.

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भूखंड को पहले जीपीएस तकनीप का यूज करके जियोटैग करने का काम किया जाता है. इसकी एकदम बढ़िया भौगोलिक स्थिति की पहचान की जा सके. इसके अलावा फिर सर्वेक्षणकर्ता भूखड की सीमाओं का भौतिकि सत्यापन मापने का काम करता है. इसके लिए मालिक का नाम, उपयोग श्रेणी, क्षेत्र आदिक जैसे विवरण एकत्र किए जाते हैं. इसके साथ ही सिस्टम स्वचालित रूप से 14 अंक भू-आधार संख्या बनाई जाती है. इसके बाद यह डिजिटल रिकॉर्ड से जुड़ जाता है.

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