FD vs Debt Funds.आज के इस आर्थिक दौर में लोगों के खर्चे इतने पड़ गए हैं। जिससे भविष्य में होने वाले मोटी रकम की जरूरत की भरपाई करने के लिए निवेश करना जरूरी है। जिससे आपको मार्केट में कई तरह के निवेश स्कीम मिलती है। आज आपके लिए ऐसी जानकारी लाए हैं, जो आपके लिए आपके इन्वेस्टमेंट जर्नी के लिए बेहतर साबित हो सकती है।

ऐसे कई लोग हैं जो फिक्स्ड डिपॉजिट और डेट फंड (FD vs Debt Funds) में कौन सा कमाई वाला स्कीम हो सकता है। इसके बारे में उलझन में पड़े रहते हैं। आज हम इन दोनो स्कीम कौन बेहतर हो सकती है, जिसके बारे में बताने जा रहे हैं।

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दरअसल आप को बता दे कि फिक्स्ड डिपॉजिट और डेट फंड (FD vs Debt Funds) दोनों निवेश स्कीम में पैसा पर बेहतर रिटर्न मिलता है, जिससे इससे बारे में जानने जरुरी कि आप पैसा कैसे सुरक्षित होने के साथ साथ मोटा रिटर्न दें सकें।

Fixed Deposit

जानिए क्या फिक्स्ड डिपॉजिट

देश में बैंक में संचालित होने वाली सबसे पुरानी निवेश स्कीम में से फिक्स्ड डिपॉजिट है। जिससे बैंक या पोस्ट ऑफिस में संचालित हो रही विभिन्न अवधि के फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश का ऑप्सन मिलता है।

जानिए क्या है डेट फंड

डेट फंड के मामले में बात करें तो यह सेविंग और निवेश के म्यूचुअल फंड की ही स्कीम होती है। जो इक्विटी मार्केट के बजाय कॉरपोरेट बॉन्ड, गवर्नमेंट बॉन्ड और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट जैसे फिक्स्ड इनकम असेट्स शामिल होते हैं। आप को बता दें कि कंपनी और सरकार समय-समय पर ऐसे डेट फंड के लिए पैसा जुटाती है, जिसमें निवेश का ऑप्सन मिलता है।

FD vs Debt Funds में कौन है लिए बेहतर

हम यहां पर जानतें कि FD vs Debt Funds में कौन आप के लिए बेहतर साबित हो सकती है, जिससे पता करते हैं, दरअसल दोनों स्कीम में कमाई का खास मौका मिलता है।

तो वही रिटर्न यानि ब्याज दर के मामले में तो देश में कई सरकारी बैंक एफडी पर 6.5 फीसदी औरप्राइवेट बैंकों 7 फीसदी के आसपास  सालाना ब्याज देते हैं।

Debt Funds Interest Rates

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तो वही  AMFI के जारी का डेटा में बताया गया है, कि मीडियम ड्यूरेशन वाले टॉप 5 डेट फंड्स के डायरेक्ट प्लान का 5 साल का औसत सालाना रिटर्न तकरीबन 7.41 फीसदी से लेकर 9.55 फीसदी तक रहा है।

एफडी के मामले में सबसे अच्छी बात यह है, कि लोगों पूंजी सुरक्षित रहती है और आपको गारंटीड रिटर्न भी मिलता है। जिससे अधिकांश लोगों का भरोसा एफडी में निवेश करने का रहता हैं।

एफडी के मामले में कुछ दिक्कत यह है कि इसमें कई दूसरे निवेशों के मुकाबले कम ब्याज मिलता है। डेट फंड्स पर लंबे अवधि पर खास ब्याज मिलता है।

निवेशकों के लिए ध्यान देने वाली बात यहकि कुछ मामलों में एफडी की तुलना में डेट फंड्स बेहतर हैं। डेट फंड्स में लिक्विडिटी अधिक होती है। जिससे निवेशकों प जरूरत पड़ने पर अपनी यूनिट्स बेचकर पैसे निकाल सकते हैं। इसमें एफडी की तरह की कोई पेनल्टी नहीं देनी पड़ती। जितने दिन की एफडी हैं, तो तभी पैसे निकाल सकते हैं।

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