Old Pension Scheme: केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से ओल्ड पेंशन योजना बहाली की मांग कर रहे हैं, जिसका अभी कोई निस्तारण नहीं होता दिक रहा है. कर्मचारियों की मांग है कि उनकी ओल्ड पेंशन योजना को शुरू किया जाए, जिससे वे भविष्य में खुश होकर जीवन गुजार सके. मोदी 3.0 शासन के पहले वित्तीय बजट से काफी उम्मीदें थी.
कयास लगाए जा रहे थे कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कुछ ऐलान करेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. वित्तीय बजट में सरकार ने किसी तरह की घोषणा नहीं की. केंद्रीय कर्मचारियों की अभी भी यह मांग चल रही है. सरकार ने इस योजना को साल 2004 में बंद कर दिया था, जिसके बाद से कर्मचारी लगातार मांग कर रहे हैं. ओल्ड पेंशन योजना बहाल होगी यह नहीं अभी आधिकारिक रूप से तो कुछ नहीं कह सकते हैं. लेकिन सरकार की मंशा ओल्ड पेंशन योजना को लेकर सकारात्म नहीं दिख रही है.
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ओल्ड पेंशन योजना क्या थी?
भारत में लंबे समय से ओल्ड पेंशन योजना चलती आ रही थी. इस योजना के अनुसार कर्मचारियों को रिटायर्ड होने के बाद हर महीना पेंशन देने का प्रावधान था. कर्मचारी को आखिरी सैलरी की 50 फीसदी रकम पेंशन के रूप में हर महीना दी जाती थी. लेकिन बीजेपी की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने साल 2004 में इस योजना को पूरी तरह से बंद कर दिया था.
साल 2004 तक जो कर्मचारी जॉब पर लगे उन्हें तो आगे चलकर पेंशन मिलेगी. वर्ष 2005 से जिनकी सरकारी नौकरी लगी, उन्हें रिटायरमेंटी के बाद पेंशन मिलने का नियम नहीं है, जो किसी बड़े झटके तरह है. सरकार ने इसके एवज में एनपीएस योजना शुरू की है. एनपीएस में कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा जमा किया जाता है. इकट्ठा फंड रिटायरमेंटी पर मिल जाएगा. सरकार एनपीएस के तहत ही कुछ पेंशन बांधने पर विचार भी कर रही है, लेकिन अभी आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है.
केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगी यह सौगात
मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को एक और बड़ी सौगात देने जा रही है, जिसकी चर्चा तेजी से चल रही है. केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा कर सकती है, जिसके बाद सैलरी में बंपर बढ़ोतरी होनी तय मानी जा रही है.
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इसका फायदा करीब 1 करोड़ परिवारों को मिल सकता है, जो किसी बूस्टर डोज की तरह होगा. बढ़ोतरी के बाद डीए 54 फीसदी हो जाएगा. वर्तमान में कर्मचारियों को 50 फीसदी डीए का लाभ मिल रहा है. बढ़े हुए डीए की दरें 1 जुलाई 2024 से प्रभावी मानी जाएंगी.