किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली (Horoscope) उसके जीवन के सभी पहलुओं को उजागर करती है। साथ ही यह उस व्यक्ति का मार्गदर्शन भी करती है, कि उससे कहां गलती हो रही है, या कहां सुधार की आवश्यकता है। कुंडली यह भी बताती है, कि व्यक्ति के किस भाव में, किस ग्रह की, क्या दशा या दिशा है। यहां हम बात करेंगे, कुडली के तीसरे (Third house in Horoscope) भाव की। कुंडली के तीसरे भाव में अगर मंगल ग्रह हों, तो जातक पर इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर
कुंडली के तीसरे भाव में मंगल के प्रभाव से जातक सकारात्मक ऊर्जा एवं आत्मविश्वास से भरपूर होता है। ऐसे लोग खुद को अभिव्यक्त करने में काफी अच्छे होते हैं। कुंडली के तीसरे भाव में मंगल के प्रभाव से जातक अपने विचारों को सरलता से अभिव्यक्त कर पाने में सक्षम होते हैं। ऐसे लोग अत्यंत ज्ञानी होते हैं और उन्हें कई विषयों का ज्ञान होता है।
मानसिकता होती है स्पष्ट
जातक की कुंडली के तीसरे भाव में मंगल क्रोध, उदारता, शौर्य, एवं पराक्रम का प्रतिनिधित्व करता है। यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल शक्तिशाली हों, तो ऐसे लोग दूसरों पर विश्वास करने वाले होते हैं। अपने सभी कार्यों को लेकर इनकी मानसिकता स्पष्ट होती है। ये लोग काफी मेहनती होते हैं और इनमें अनुशासनप्रियता भी देखने को मिल सकती है।
नहीं छोड़ते परिवार का साथ
हालांकि, कुंडली के तीसरे भाव में मंगल कई विपरित परिस्थितियां भी उत्पन्न कर सकता है। ऐसे जातक जल्द ही किसी विवाद में भी पड़ सकते हैं। अपने आप को दूसरों के सामने सही ढंग से प्रस्तुत करने के लिए, ऐसे व्यक्ति बहस भी करने लगते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है, के वे अपने परिवार से जुड़े होते हैं और किसी भी परिस्थिति में अपने परिवार का पक्ष लेने वाले होते हैं। ये जातक काफी निडर होते हैं और किसी बड़ी मुसीबत का भी सामना कर सकते हैं। यही स्थिति कई बार उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है।
प्रयासों से मिलती है सफलता
कुंडली के तीसरे भाव में मंगल के प्रभाव से जातक स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी बेहतर कर सकता है। वह एथलीट, किसी संस्थान में मैनेजर या वकील भी हो सकता है। इसी तरह मंगल जब अपनी राशि मेष या वृश्चिक में होते हैं तो, वह व्यक्ति अपने साहसिक कदमों से सफलता प्राप्त करता जाता है।
नीच का मंगल देता है परेशानी
इसी तरह जब ऐसे व्यक्ति की राशि में मंगल नीच भाव में कर्क राशि में होता है, तो उस व्यक्ति का अपने भाई- बहनों के साथ संबंध बिगड़ जाते है। यह कॉम्बिनेशन उनकी सकारात्मक उर्जा को भी नकारात्मक उर्जा में परिवर्तित कर सकता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के गलत दिशा में भटकने की भी संभावना होती है। इतना ही नहीं ऐसे जातकों में काफी क्रोध भी देखने को मिलता है और वे हिंसा पर भी उतारू हो जाते हैं।
वैवाहिक जीवन पर भी पड़ता है प्रभाव
विवाह आदि के वक्त भी कुंडली में मंगल की स्थिति देखी जाती है। जब मंगल कुंडली के तीसरे भाव में हों, तो यह विवाह के लिहाज से अच्छा और बुरा दोनों हो सकता है। मंगल के प्रभाव से जातकों के वैवाहिक जीवन में कुछ कठिनाइयां भी आ सकती हैं। ये खुद के आगे दूसरों को कुछ नहीं समझते और यही कारण है कि उनका अहं वैवाहिक जीवन में झगड़े का कारण बन सकता है।
मंगल ग्रह के उपाय
जिन जातकों की कुंडली के तीसरे भाव में मंगल कमजोर होते हैं, उन्हें मंगलवार के दिन तांबा, लाल वस्त्र, लाल मूंगा, लाल चंदन पाउडर या मसूर की दाल का दान करना चाहिए। ऐसा करना शुभ फलदायी होता है।