देवी – देवताओं को भोग लगाने के तुरंत बाद क्यों बजाना चाहिए घंटी? मिलते हैं ये लाभ!

Neelam Singh

Puja Niyam: पूजा की घंटी हर किसी के पास होती है। सुबह के समय पूजा – अर्चना करते समय और शाम के वक्त आरती करते समय आरती के साथ घंटी भी बजाई जाती है। वहीं, भगवान को भोग लगाते समय भी घंटी बजाना बहुत शुभ माना जाता है।
ऐसे में आज आपको बताएंगे कि आखिरकार भोग लगाते समय घंटी का उपयोग क्यों किया जाता है। साथ ही कितनी देर तक घंटी बजाना शुभ होता है?
ये सब हम आपको डिटेल में बताएंगे:

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समझिए कि क्यो बजाई जाती है आखिरकार घंटी?

दरअसल, पौराणिक ग्रंथ के अनुसार भगवान जी के सामने घंटी बजाने से वायु तत्व जागृत हो जाती है, इसलिए इसे बजाया जाता है। वहीं, वायु के पांच मुख्य तत्व जो ये हैं उदान वायु, व्यान वायु, प्राण वायु, समान वायु, अपान वायु। भगवान को प्रसाद चढ़ाते समय चार से पांच बार घंटी बजाई जाती है।
इन्हें चढ़ाते समय वायु के पांच तत्वों का स्मरण भी किया जाता है और घंटी को 4 – 5 बार बजाया जाता है। इसके बाद ही भगवान को भोग लगाया जाता है। मान्यता है की ऐसा करने से वायु के द्वारा प्रसाद की सुगंध सीधे भगवान तक पहुंचती है। इसके अलावा मेंटल हेल्थ के लिए ये अच्छा होता है। सभी तरह की मानसिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।

शरीर के कष्ट हो जाते हैं दूर

घंटी बजाने का महत्व न केवल धार्मिक है, वहीं, ये शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। घंटी बजाने से जो स्वर निकलता है उसे सभी तरह की समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही साथ इससे मस्तिष्क भी शांति का अनुभव कर पाता है। ऐसा करने से सभी प्रकार के नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। इसलिए घंटी के ध्वनि को पवित्रतादायक माना जाता है। इससे आध्यात्मिक ऊर्जा को भी शक्ति मिलती है। रोजाना पूजा करते हैं और घंटी बजाते हुए भोग लगाते हैं, तो सकारात्मक विचार ही केवल मस्तिष्क में आते हैं।

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याद रहे कि इस वक्त न बजाएं घंटी:

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का पूजा घर को या मंदिर का कभी भी यहां से निकलते वक्त घंटी न बजाएं। क्योंकि ऐसा करने से सारी पॉजिटिविटी आप मंदिर में ही छोड़ के जा रहे हैं। आप हमेशा तभी घंटी का प्रयोग करें, जब मंदिर के अंदर प्रवेश करें। क्योंकि यही शुभ माना जाता है।
क्या है पूजा के समय घंटी बजाने के लाभ, जानिए!

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