Electric Cars Fast Charging: इलेक्ट्रिक कार चलाते वक्त लोगों को सबसे बड़ी चिंता उनकी चार्जिंग को लेकर होती है। क्योंकि चार्ज खत्म हो गया तो उसे चार्ज करने में तकरीबन 5 से 6 घंटे का समय लगता है जो एक लंबे सफर के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
इसी समस्या को देखते हुए भारतीय मूल के रिसर्च अंकुर गुप्ता ने अपनी टीम के साथ एक नई टेक्नोलॉजी खोज निकाली है। इस तकनीक के जरिए इलेक्ट्रिक कार को केवल 10 मिनट में चार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा इस तकनीक के जरिए लैपटॉप और फोन को केवल एक मिनट में ही चार्ज किया जा सकता है।
जनरल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंसेज में प्रकाशित एक रिसर्च से पता चला है कि आयन नमक छोटे चार्ज पार्टिकल्स छोटे छेदों के एक कॉम्प्लेक्स नेटवर्क में किस तरह से चलते हैं।
भारतीय इंजीनियर की दुनिया बदलने वाली खोज
अंकल गुप्ता अमेरिका के कोलोरेडो बौल्डर यूनिवर्सिटी में केमिकल एंड बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग के असिस्टेंट प्रोफेसर है। उन्होंने अपने रिसर्च में बताया है कि यह तकनीक सुपर कैपेसिटर जैसे ज्यादा एनर्जी स्टोरेज डिवाइस के विकास में मदद कर सकता है। अब जब ज्यादा एनर्जी रिस्टोर होगा तो पावर भी ज्यादा जनरेट होगी।
इस तकनीक का प्रयोग Power Grid में
गुप्ता ने बताया है कि यह तकनीक केवल इलेक्ट्रिक उपकरणों तक सीमित नहीं है बल्कि इस एनर्जी स्टोरेज का उपयोग पावर ग्रिड में भी किया जा सकता है। जिस जगह ऊर्जा की मांग में उतार चढ़ाव के कारण समय बचाने और ज्यादा मांग के समय स्पीड डिलीवरी की जरूरत होने पर इस सुपर कैपेसिटर का प्रयोग किया जा सकता है। इस सुपर कैपेसिटर के क्षेत्र में आयन कलेक्शंस ज्यादा होते हैं। इसके कारण यह बैटरी की तुलना में ज्यादा जल्दी चार्ज और लंबे समय तक ठीक रहती है।
Electric Cars की बढ़ेगी सेल!
अगर यह खोज मार्केट में उपलब्ध हो गई तो सभी कार बनाने वाली कंपनियां इसका प्रयोग कर फास्ट चार्जिंग की सुविधा दे पाएंगे। इसके कारण आप केवल 10 मिनट में अपने इलेक्ट्रिक कर को चार्ज कर उसे दोबारा से चलने के लिए तैयार कर सकते हैं। इसके कारण लोगों की चार्जिंग की समस्या दूर हो जाएगी और इलेक्ट्रिक कारों की सेल भी बढ़ सकती है।