Free Toll Tax: दिल्ली एनसीआर वाले टोल टैक्स को काफी अच्छे से जानते होंगे। हर दिन जिन्हें एनसीआर से दिल्ली जाना होता है। या फिर जिन्हें दिल्ली से एनसीआर आना होता है। उन्हें टोल टैक्स देना पड़ता है।
अक्सर सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से हाईवे पर चलने वालों के लिए इस तरह का टैक्स देना अनिवार्य किया गया है। लेकिन समय-समय पर इसमें बदलाव भी किए जाते हैं, जिसका बड़े स्तर पर असर देखने को मिलता है।
आपको पता होना चाहिए कि हम जो टोल टैक्स देते हैं उसका उपयोग राजमार्गों के रखरखाव में किया जाता है। इसी टैक्स का परिणाम है कि आज भारत में ज्यादा से ज्यादा एक्सप्रेसवे है।
अगर आप यह सोच रहे हैं कि सभी को टोल टेक्स देना अनिवार्य है तो आप गलत है। देश में कुछ खास लोग हैं जिन्हें यह टेक्स नहीं देना होता है और आपको उनके बारे में पता होना चाहिए। इस लिस्ट में मुख्ता 25 लोग शामिल है जिसमें 10 प्रमुख पद हैं।
इन लोगों को नहीं देना होता है टोल टैक्स
भारत की राष्ट्रीय अध्यक्ष यानी कि राष्ट्रपति को टोल टैक्स नहीं देना होता है। उनके लिए यह टैक्स माफ है। राष्ट्रपति के साथ चलने वाली गाड़ियों पर भी टोल टैक्स नहीं लगता है।
प्रधानमंत्री और उनके काफिले पर भी कोई टोल टैक्स नहीं लगता है। वह बिना टैक्स दिए ही भारत भर में सफर कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य के राज्यपाल, मुख्य न्यायाधीश, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री, किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, भारत सरकार के सचिव इन सभी पदों पर रहने वाले व्यक्तियों को टोल टैक्स नहीं देना होता है। इसके अलावा पुलिस बल, सेना की गाड़ियां, शव ले जाने वाले वाहनों के लिए टोल टैक्स की माफी होती है।
इस अपवाह से बचे
आपको सोशल मीडिया पोस्ट दिखेंगे जिसमें दावा किया गया है कि अगर आप 12 घंटे में एक टोल नाके से वापस लौट जाते हैं तो दोबारा टोल नहीं भरना होगा। यह दावा गलत है।
केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शुरू में ही देश को एक नई दिशा में ले जाने की बात कहते आए हैं। हाल ही में उन्होंने अपने एक नया बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में टोल टैक्स भुगतान के लिए फास्ट टैग सिस्टम को खत्म कर दिया जाएगा।
नई प्रणाली के कारण कारों में लगे जीपीएस के द्वारा उन्हें ट्रैक किया जाएगा और वह जितनी दूरी तय करेंगे उसी हिसाब से उनके अकाउंट से अपने आप पैसे कट जाएंगे। कई विकसित देशों में इस तरह की प्रणाली देखने को मिलती है और जल्द ही भारत में भी यह देखने को मिल जाएगा।