लखनऊ: आज कल रश्मिका मंदना और विक्की कौशल की फिल्म छावा ग़दर मचा रही है। यह फिल्म वीर संभा जी पर आधारित है। वहीं वीर संभा जी जिसे मुग़ल बादशाह औरंगजेब ने तड़पा तड़पा कर मारा था। उनकी आंखे को फोड़ दिया था। जीभ काट दी थी। इस छावा मूवी की तारीफ़ पीएम मोदी ने भी की है। क्या आपको यह मालूम है कि मुस्लिम शासक औरंगजेब को एक हिंदू तवायफ से प्यार हो गया था। उस हिंदू तवायफ के सामने औरंगजेब ने अपनी बेगम बनाने का प्रस्ताव रखा लेकिन तवायफ ने भरी सभा में औरंगजेब की ऐसी की तैसी करते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दी।
कई बार प्यार हुआ
कट्टर शासक औरंगजेब को अपने जीवन में कई बार प्यार हुआ। जब वह दिल्ली की गद्दी पर बैठा तो उसका दिल एक वैश्या पर आ गया। हिंदू वैश्या राणा गुल संस्कृत और धर्म की ज्ञाता थी। जब उन्होंने शाहजहाँ के दरबार में नृत्य किया तो लोग उनके दीवाने हो गये। औरंगजेब के बड़े भाई दारा शिकोह को भी उससे प्यार हो गया। उनका विवाह राणा गुल से हुआ था। दारा शिकोह की हत्या के बाद औरंगजेब राणा गुल को अपनी रानी बनाना चाहता था।
इस किताब में जिक्र
हेरम्ब चतुर्वेदी ने अपनी किताब “दो सुल्तान, दो बादशाह और उनका प्रणय परिवेश” में औरंगजेब के जीवन में आए पहले प्यार का जिक्र किया है. किताब के मुताबिक, ”औरंगजेब अजीब मूड में डेक्कन पहुंचा. इसके बाद वह अपनी मौसी से मिलने बुरहानपुर के जैनाबाद चला गया। उनकी मौसी के पति मीर खलील थे, जिन्हें बाद में औरंगजेब ने खानदेश का गवर्नर बना दिया था। औरंगजेब के अपने मामा-मौसियों से अच्छे संबंध थे।
जुल्फों का मुरीद था औरंगजेब
एशियाई परंपरा के अनुसार, छोटे भाई का बड़े भाई की विधवा पत्नियों और उप-पत्नियों पर अधिकार माना जाता है। यहां तक कि जब औरंगजेब ने इस अधिकार की बात की तो राणा ने साफ इनकार कर दिया. औरंगजेब ने संदेश भेजा कि वह उनके बालों का प्रशंसक है। औरंगजेब के इस पत्र के जवाब में अगले ही दिन उन्होंने अपने सारे लंबे घने काले बाल कटवाये और औरंगजेब को भेज दिये। पत्र भी लिखा-आपको मेरे ये बाल बहुत पसंद आए, इसलिए आपको समर्पित। आशा है आप संतुष्ट होंगे.
औरंगजेब ने हार नहीं मानी
औरंगजेब ने फिर भी हार नहीं मानी। उसने अपने प्रेमालाप अनुरोध में फिर से उसकी सुंदरता की प्रशंसा की। तब राणा ने जो जवाब दिया उससे खून से लथपथ रास्ते से चलकर सत्ता तक पहुंचने वाला औरंगजेब भी डर गया. उसने कभी स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि उसे इतना कठोर और स्पष्ट उत्तर मिलेगा।
औरंगजेब को नहीं मिला उसका प्यार
मुग़ल बादशाह समझ गया कि सब कुछ नहीं जीता जा सकता। एक बार फिर उसका दिल बुरी तरह टूट गया लेकिन अब वह कुछ नहीं कर सकता था। यह अलग बात है कि औरंगजेब ता जिंदगी राणा को नहीं भूल सका। फिर यह भी सच है कि औरंगजेब ने अपने जीवन में जिसे सबसे ज्यादा प्यार किया, उससे वह प्यार करता था और उसके प्यार में पागल हो गया था। लेकिन वह कभी नहीं मिला. यह भी सच है कि वह उसे कभी नहीं भूल सकता.