Tyre Making Process: जिस तरह हमारे शरीर को अलग-अलग अंगों से जोड़कर किसी भी काम को करने के लिए अलग-अलग अंग बनाए गए हैं. ठीक इसी तरह गाड़ी को सड़कों पर चलने के लिए तरह-तरह के फीचर, सेफ्टी फीचर, स्टेरिंग और सबसे जरूरी टायर मैन्युफैक्चरर कर जोड़ा गया है. अगर गाड़ियों में टायर ना हो तो उसे हम सड़कों पर नहीं चला सकते हैं. इसीलिए गाड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा टायर माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं की गाड़ी के टायर को कैसे तैयार किया जाता है और इसमें क्या ऐसा इस्तेमाल किया जाता है जिसकी वजह से गाड़ी के बाहर के साथ-साथ इसमें बैठने वाले पैसेंजर के बाहर को यह संभाल लेता है और इसकी लाइफ कितनी होती है? अगर नहीं तो यहां देखें.
किस चीज से बनता है टायर?
गाड़ी के टायर को बनाने के लिए 20 से अधिक अलग-अलग तरह के रबड़ एंटीऑक्सीडेंट, टेक्सटाइल एलिमेंट, स्टील बेल्ट, बीड्स और दूसरे पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा रॉ मटेरियल के साथ वल्केनाइजेशन, कार्बन ब्लैक फिलर्स को मिलाया जाता है. इतना ही नहीं इसमें नाइट्रोजन गैस का उपयोग किया जाता है.
एक टायर की कितनी लाइफ?
गाड़ियों के टायर की लाइफ लाइन की बात करें तो अलग-अलग कंपनियों द्वारा मैन्युफैक्चर किया जा रहे अलग-अलग गाड़ियों के टायर की लाइफ अलग-अलग ही तय होती है. लेकिन अमूमन कंपनियों द्वारा बताया जाता है कि एक टायर की लाइफ लगभग 5 से 6 साल तक ही होती है. वैसे तो मार्केट में अलग-अलग कंपनियों के टायर मैन्युफैक्चरर किए जाते हैं लेकिन लोगों के बीच सबसे अधिक MRF और JK टायर ही पसंद किया जाता है, क्योंकि यह बेहतर और लोगों की बजट के साथ-साथ अधिक लाइफ टाइम के साथ आते हैं.