Fastag: देश भर में तेजी से बढ़ रहे टेक्नोलॉजी के साथ तमाम चीजों को बदला जा रहा है. इसी तरह सरकार की ओर से एक बड़ा कदम उठाते हुए टोल टैक्स पर फास्टैग का नियम लागू किया गया इस फास्टैग के नियम को नेशनल कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) और सड़क परिवहन राज्य मंत्रालय की ओर से लागू किया गया. जिसकी मदद से लोगों को टोल प्लाजा पर अधिक समय और धोखाधड़ी का सामना न करना पड़े. लेकिन क्या आप जानते हैं फास्टैग का काम क्या है और आखिर इससे पैसे कैसे कट जाते हैं. आइए इन्हीं सब सवालों का जवाब आज हम जानते हैं.
क्या और कैसे काम करता है फास्टैग?
यह एक इलेक्ट्रॉनिक तोल कनेक्शन सिस्टम है जिसको रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी के साथ तैयार किया गया है. जिसकी मदद से टोल बूथ पर पहुंचने के बाद वाहनों से अपने आप ऑटोमेटिक टोल टैक्स काट लिया जाता है. यह कदम सरकार की ओर से टोल प्लाजा पर होने वाले ट्रैफिक को कम करने के साथ डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है और लोगों के बीच तेजी से इस सिस्टम को एडॉप्ट भी किया गया है.
कैसे होता है इस्तेमाल?
1. यह एक स्टीकर होता है जिसे अपने गाड़ी के फ्रंट विंडस्क्रीन पर लगाना पड़ता है.
2. इसके बाद टोल प्लाजा पर लगे हुए रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन स्कैनर की मदद से गाड़ी टोल बूथ पर पहुंचने के बाद स्टीकर को स्कैन कर लिया जाता है.
3. इस प्रक्रिया के बाद इससे जुड़े हुए बैंक खाते से उचित शुल्क काट लिया जाता है.
4. भुगतान सफल होने के बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेज दिया जाता है और टोल गेट को खोलकर गाड़ी को क्रॉस कर दिया जाता है.
लोगों को मिली सुविधा
वहीं इस सिस्टम को लागू करने के बाद टोल बूथ पर सबसे पहले लगने वाले ट्रैफिक समस्या से छुटकारा मिल गया और लोगों को लंबी लाइन में भी नहीं खड़ा होना पड़ रहा है. जिसकी वजह से लोगों का समय बच रहा है और डिजिटल पेमेंट के साथ लोगों को सुविधाजनक रास्ता भी मिल गया है.