Petrol और Diesel कार में बना हुआ है कंफ्यूजन कौन है बेस्ट, यहां देखें पलभर में हो जाएगा दूर

 

Petrol Vs Diesel Car: भारतीय कार मार्केट में अलग-अलग कंपनियों की ओर से पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, एथेनॉल और इलेक्ट्रिक कारों को लॉन्च किया जा रहा है. यहां तक की लंबे समय से मार्केट में टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी जैसी कई बड़ी कंपनियों के कार मौजूद भी हैं. लेकिन अगर आप कन्फ्यूजन में पड़े हुए हैं कि आपको पेट्रोल या डीजल से चलने वाली कार में कौन सी कार खरीदनी चाहिए कौन सी कार आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकती है और आपको इन दोनों को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है तो लिए आज हम इसे दूर करते हैं और देखते हैं कि कौन सी कार आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकती हैं.

किसके लिए कौन बेस्ट?

दरअसल, अलग-अलग ऑटो एक्सपर्ट के मुताबिक अलग-अलग लोगों की जरूरत के हिसाब से गाड़ियां खरीदनी चाहिए, क्योंकि कुछ लोग हर रोज 40 से 50 किलोमीटर की दूरी करते हैं तो कुछ लोग 100 से 200 किलोमीटर भी तय कर जाते हैं. ऐसे में अगर आप 50 से 60 किलोमीटर की दूरी हर रोज तय करते हैं तो आपके लिए पेट्रोल वाली कार बेहतर ऑप्शन है. जबकि अगर आप इससे अधिक की दूरी तय करते हैं तो आपको पेट्रोल इंजन वाली कारों को खरीदना चाहिए. ऐसा करने से आपके पैसे की भी बचत होगी और पेट्रोल की तुलना में डीजल वाली क कारें बेहतर माइलेज भी ऑफर करती हैं.

कीमत के मामले में

वहीं कीमत के मामले में बात की जाए तो पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों के कीमत में आज के समय में उतना खास अंतर नहीं देखा जा रहा है. लेकिन कुछ ऐसे अलग-अलग मॉडल हैं. जिसमें डीजल से चलने वाली गाड़ियों की कीमत अधिक है लेकिन माइलेज भी पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में अधिक देती हैं.

किसमे में क्या फायदा?

बताने की आज के समय में भी पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में डीजल से चलने वाली गाड़ियों का माइलेज प्रति लीटर लगभग 4 से 5 किलोमीटर का अंतर आता है. लेकिन पेट्रोल की तुलना में डीजल से चलने वाली गाड़ियों का मेंटेनेंस खर्च अधिक आता है और उनका रखरखाव भी करना बेहद जरूरी होता है. इसके अलावा एक बेहद जरूरी बात की पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में डीजल से चलने वाली गाड़ियों का लाइफ लगभग 5 साल काम होता है.