5th-8th Board Exam: अब निजी स्कूलों की सहमति से होंगी 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षाएं, जानें पूरी खबर

5th-8th Board Exam: छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद निजी विद्यालयों को 5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षा से छूट दे दी है। विभाग ने इस संबंध में गुरुवार को आदेश जारी किया। अब, जिन निजी स्कूलों को 5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षा में सम्मिलित नहीं होना है, उन स्कूलों में यह परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी।

इसके अलावा, जो निजी स्कूल 5वीं और 8वीं की परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं, उनकी परीक्षा की जिम्मेदारी अब जिला शिक्षा कार्यालयों को सौंपी गई है। जिला शिक्षा अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे निजी स्कूलों से परीक्षा में सम्मिलित होने की सहमति या असहमति प्राप्त करें।

सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे निजी विद्यालयों से लिखित सहमति या असहमति पत्र प्राप्त करें, जिसे बाद में संकुल समन्वयकों के माध्यम से लागू किया जाएगा।

यह कदम उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में उठाया गया है, और इस प्रक्रिया से अब निजी स्कूलों को अपनी पसंद के अनुसार परीक्षा में भाग लेने या न लेने का विकल्प मिलेगा।

17 मार्च से प्रदेशभर में 5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षा

स्कूल शिक्षा विभाग ने 5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षा का टाइम टेबल जारी कर दिया है। 5वीं की परीक्षा 17 मार्च से शुरू होकर 27 मार्च तक चलेगी, जबकि 8वीं कक्षा की परीक्षा 18 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगी। परीक्षा की पूरी जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारियों को सौपी गई है।

5वीं कक्षा की परीक्षा:

प्रत्येक प्रश्नपत्र 50 अंकों का होगा।

इसमें 40 अंक लिखित परीक्षा के होंगे और 10 अंक प्रायोजना कार्य के होंगे।

8वीं कक्षा की परीक्षा:

प्रत्येक प्रश्नपत्र 100 अंकों का होगा।

इसमें 80 अंक लिखित परीक्षा के होंगे और 20 अंक प्रायोजना कार्य के होंगे।

यह परीक्षा राज्यभर में निर्धारित समय के अनुसार आयोजित की जाएगी, और इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी पूरी निगरानी रखेंगे।

छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद निजी विद्यालयों को 5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षा से छूट दे दी है। गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किया गया। अब, जो निजी विद्यालय 5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षा में भाग नहीं लेना चाहते, उनके लिए यह परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। यह कदम उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में उठाया गया है।