आचार्य चाणक्य के अनुसार महा पाप होता है ये काम, स्वयं भगवान भी कभी नहीं करते हैँ माफ़!

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में एक ऐसा कार्य बताया है जिसे भूल कर भी व्यक्ति कर लेता है तो उसे जीवन में कभी भी शांति और उन्नति नहीं मिलती है। दरअसल, आचार्य चाणक्य जी का ये मानना है कि कोई भी व्यक्ति क्यों न हो किसी भी हथियार से दो गुना ज्यादा घायल अपने शब्दों से किसी भी व्यक्ति को कर सकता है। उनका मानना है कि शब्द ही एक चीज है जिससे बिना हाथ लगाए एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर सीधा प्रहार कर सकता है।

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महान आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि व्यक्ति ईश्वर स्वरूप माता – पिता के लिए अगर अपशब्द बोलता है तो वे महापापी व्यक्ति कि श्रेणी में आता है। आचार्य का ये मानना है कि किसी भी व्यक्ति को भूल कर भी अपने माता – पिता के लिए अपशब्द या गलत भाषा उनके लिए प्रयोग करना ही दुनिया में सबसे बड़ा पाप है।

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ये इतना पाप है कि भले माता पिता तो भूल कर माफ़ कर दें लेकिन आचार्य के अनुसार भगवान इस तरह के व्यक्ति को कभी क्षमा नहीं करते हैँ। जीवन भर ऐसे लोग किसी न किसी समस्या में फंसे रह जाते हैँ।

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उनका ये भी कहना है कि एक बार मुख से किसी भी तरह का अपशब्द निकल जाए उसके बाद पछताने के अलावा कुछ भी जीवन में नहीं रह जाता है। माता पिता बच्चों से तो उसे अनादर का बदला नहीं लें पाते हैँ, लेकिन मन ही मन के भीतर टूट जाते हैँ। ऐसा व्यवहार आचार्य के अनुसार बहुत ही ज्यादा दुख पंहुचाता है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार ये एक ऐसी गलती है जिसे माता पिता तो माफ़ कर सकते हैँ, लेकिन भगवान कभी ऐसी गलतियों को माफ़ नहीं करता है।