बक्सर में दलित बस्ती के लोगों को CM से मिलने से प्रशासन ने रोका, बुनियादी समस्याओं को लेकर करना चाहते थे मुलाकात, जम कर हुआ नीतीश कुमार का विरोध

बिहार: आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान बक्सर पहुंचे हुए थे। आज नीतीश कुमार बक्सर में 400 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया । इसी बीच वहां अजीबोगरीब उत्पन्न हो गई। बक्सर के वार्ड संख्या 15 के रामरेखा घाट दलित बस्ती के कुछ लोग अपनी बुनियादी समस्याओं को लेकर उनसे मिलना चाह रहे थे। एक महिला ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि उनके पास न तो रहने के लिए घर है, न जमीन और न ही पीने के पानी की व्यवस्था। जब वे अपनी समस्याएं मुख्यमंत्री तक पहुंचाने पहुंचे, तो प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें जबरन पीछे धकेल दिया। इस व्यवहार से नाराज होकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

बक्सर में दलित बस्ती के लोगों को CM से मिलने से प्रशासन ने रोका, बुनियादी समस्याओं को लेकर करना चाहते थे मुलाकात, जम कर हुआ नीतीश कुमार का विरोध
बक्सर में दलित बस्ती के लोगों को CM से मिलने से प्रशासन ने रोका, जम कर हुआ नीतीश कुमार का विरोध

 

CM के स्वागत में सजाए गए गमलों पर लोगों ने निकाला गुस्सा 

बक्सर में स्थिति तब और भी गंभीर हो गई जब मुख्यमंत्री के बक्सर सर्किट हाउस से निकलते ही उनके स्वागत के लिए सजाए गए गमलों पर लोगों ने अपना गुस्सा निकाला। विशेषकर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग गमलों में लगे पौधे और फूल लेकर भागने लगे। कुछ लोगों ने इस घटना को लोगों की हताशा का परिणाम बताया। 

बस्ती वालों ने कहा मेरी समस्याओं को कोई सुनने वाला नहीं 

बक्सर के दलित बस्ती वालों का कहना है कि वे वर्षों से घर, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री के आगमन से जगी उम्मीदें भी टूट गईं, जब उन्हें मिलने तक की अनुमति नहीं दी गई।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

बक्सर के स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन सिर्फ दिखावे के लिए काम कर रही है। जब मुख्यमंत्री आते हैं तो साफ-सफाई और सजावट होती है, लेकिन असली समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है। लोगों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनकी परेशानियों का हल नहीं निकला तो, वे उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री की इस यात्रा का मकसद प्रदेश में विकास कार्यों की समीक्षा करना था। लेकिन दलित बस्ती के इस विरोध ने प्रशासन की पोल खोल दी।