Bihar Politics: बिहार में इस साल के नवंबर तक बिहार विधानसभा चुनाव हो सकती है। इसके पहले सभी पार्टियों ने जनता को रिझाने के लिए वोट बैंक की राजनीति शुरु कर दी है। इन दिनों तेजस्वी धड़ाधड़ जनता से वादा कर रहे हैं। अगर मेरी सरकार बनी तो ये होगा, वो होगा। बिहार में शराबबंदी एक बड़ा मुद्दा है। शराब बंदी पर जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने भी वादा किया है अगर बिहार में उनकी सरकार बनी तो 24 घंटे के भीतर शराबबंदी को खत्म करेंगे। अब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शराबबंदी को लेकर बड़ा एलान कर दिया है।

शराबबंदी पर तेजस्वी ने CM नीतीश पर साधा निशाना
बिहार में शराबबंदी को विफल बताते हुए तेजस्वी ने CM नीतीश कुमार पर जम कर हमला बोला। तेजस्वी ने कहा शराबबंदी क़ानून के तहत अब तक लगभग 𝟏𝟐 लाख 𝟖𝟎 हज़ार लोगों को जेल भेजा गया है जिसमें 𝟗𝟖-𝟗𝟗% लोग दलित और अतिपिछड़े वर्गों के है। इस कानून की आड़ में 𝐍𝐃𝐀 सरकार द्वारा ग़रीबों को अत्यधिक परेशान किया गया है। दलित और पासी समाज की एक बड़ी आबादी का शारीरिक, सामाजिक, मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है। ताड़ी बंद होने से पासी समाज के सामने आजीविका का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया था, अब तक जैसे तैसे उन्होंने जीवन यापन किया लेकिन अब गरीबी के कारण जीना भी मुश्किल हो रहा है। सरकार ने पासी भाइयों के लिए नीरा शुरू करने की योजना बनाई थी लेकिन इस सरकार ने उसे भी विफल कर दिया है इसलिए ताड़ी शुरू करना अति आवश्यक है।
तेजस्वी ने जनता के बीच रखा शराबबंदी से होने वाले नुकसान का आंकड़ा
तेजस्वी यादव ने कहा कि शराब बंदी कानून लागू होने के बाद से कितने ही लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में ज्यादातर लोग दलित और महादलित पिछड़ा वर्ग के थे। हर घंटे 18 लोगों की गिरफ्तारी हो रही है। अभी तक 2000 से ज्यादा लोग जहरीली शराब मारे गए हैं। जिनकी मौत हुई है उसको मुआवजा भी सरकार नहीं देती है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह से विफल है। “बिहार निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम 𝟐𝟎𝟏𝟔 अपने उद्देश्य से भटक गया है। शराबबंदी कानून की कड़ी शर्तें पुलिस के लिए एक सुविधाजनक उपकरण बन गई हैं। पुलिस अक्सर तस्करों के साथ मिलीभगत में काम करती है। कानून से बचने के लिए नए तरीके विकसित किए गए हैं। 𝟏 अप्रैल 𝟐𝟎𝟏𝟔 से 𝟑𝟏 अगस्त 𝟐𝟎𝟐𝟒 तक शराबबंदी क़ानून के तहत 𝟖 सालों में कुल 𝟏𝟐,𝟕𝟗,𝟑𝟖𝟕 लोगों को शराबबंदी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है इसमें मद्य निषेध विभाग ने 𝟓, 𝟒𝟑𝟑𝟐𝟔 और पुलिस विभाग ने 𝟕,𝟑𝟔 𝟏𝟔𝟏 गिरफ्तारियां की हैं। अब तक शराबबंदी कानून के उल्लंघन से जुड़े 𝟖,𝟒𝟑,𝟗𝟎𝟕 मामले दर्ज किए गए हैं। इसका मतलब हर महीने औसतन लगभग 𝟏𝟐,𝟕𝟗𝟒 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। हर दिन लगभग 𝟒𝟐𝟔 लोगों की गिरफ्तारी का मतलब यह है कि राज्य में हर घंटे करीब 𝟏𝟖 लोगों को शराब से जुड़े मामले में पकड़ा गया। एक अनुमान के अनुसार अब तक 𝟐 हज़ार से अधिक लोग ज़हरीली शराब से मारे गए है अथवा यूँ कहे कि सरकार ने उनकी हत्या की है।