बिहार: बिहार का चुनावी मंजर में एक नया मोड़ आ गया है। लालू परिवार में ही दरार पड़ती हुई नज़र आ रही है। बीते दिन पहले लालू यादव यादव के साले सुभाष यादव ने एक सनसनी खुलासा किया था और लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाते हुए कहा था कि CM हाउस से तय होती थी अपहरण की डील’। इतना ही नहीं सुभाष यादव ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि उस दौर में बिहार में जो अपहरण हुआ करता था उसमें बंधक को छुड़ाने के लिए दी जाने वाली फिरौती की डील लालू याद वही करवाते थे।” सुभाष यादव ने एक किडनैपिंग केस का जिक्र करते हुए कहा, “नेपाल से लोग आ रहे थे, तो बॉडर इलाके में एक किडनैपिंग हुई थी।इसका आरोप जाकिर हुसैन पर लगा था। वो अभी भी जिंदा है। इस किडनैपिंग को लेकर मोहम्मद शहाबुद्दीन और लालू यादव ने फोन किया था और अपहृत छोड़ने को कहा. लेकिन उसने ये किडनैपिंग नहीं की थी। कोई दूसरा आदमी था। फिर शहाबुद्दीन और लालू यादव ने इसको लेकर बात किया। सीएम हाउस में डील हुआ और फिर उसे व्यक्ति को सकुशल लौटाया गया।”

प्रभुनाथ ने किया अपने छोटे भाई सुभाष यादव का विरोध, कहा NDA के लिए मेरे जीजा को बदनाम कर रहा है
अब सुभाष के बड़े भाई प्रभुनाथ सिंह यादव अपने छोटे भाई के विरोध में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि पैसे और एनडीए से बेटे को टिकट दिलाने के लिए वह झूठ बोल रहे हैं। राबड़ी के बड़े भाई ने कहा कि सुभाष खुद ही गुंडों के सरदार थे। वह ‘गरीबों के नेता’ और मेरे जीजा (लालू यादव) को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। आगे कहा कि 35 साल बाद अब अचानक ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी कि सुभाष अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं, जबकि उन्होंने खुद 15 वर्षों तक सत्ता का सुख भोगा था। राबड़ी के बड़े भाई ने कहा कि असल में सुभाष खुद ही गुंडों के सरदार थे। वह अपने आवास पर गलत काम करते थे। अपहरण और कई तरह के घोटालों में भी उन्हीं का हाथ था लेकिन आज वह मेरे जीजा (लालू यादव) पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल एनडीए ने सुभाष को पैसे दिए हैं। साथ ही उनके बेटे को विधानसभा चुनाव में टिकट का आश्वासन दिया है। इसी लोभ में आकर अब मेरा छोटा भाई मेरी दीदी और मेरे जीजा पर गलत आरोप लगा रहा है। एनडीए को लगता है कि ऐसे आरोप लगाकर चुनाव में फायदा मिल जाएगा लेकिन गरीब जनता आरजेडी अध्यक्ष के साथ है।