BPL Ration Card: BPL राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर! 15 फरवरी से पहले जल्दी करवाएं ये काम

BPL Ration Card: उत्तर प्रदेश सरकार ने फ्री राशन योजना में पारदर्शिता लाने के लिए राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य कर दी है। सभी लाभार्थियों को 15 फरवरी 2025 तक अपनी ई-केवाईसी पूरी करनी होगी। यदि कोई लाभार्थी इस समय सीमा तक ई-केवाईसी नहीं कराता, तो उसका राशन कार्ड रद्द हो सकता है और उसे सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले फ्री राशन का लाभ नहीं मिलेगा। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह सुविधा केवल वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचे और फर्जी लाभार्थियों को बाहर किया जा सके।

ई-केवाईसी न कराने पर राशन में कटौती

ई-केवाईसी न कराने पर राशन में कटौती की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अगर किसी परिवार का कोई सदस्य ई-केवाईसी नहीं कराता है, तो उसका नाम राशन कार्ड से हटा दिया जाएगा, जिससे परिवार को मिलने वाले राशन में कमी आ सकती है। इसलिए, राशन कार्ड धारकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके परिवार के सभी सदस्य समय पर ई-केवाईसी करवा लें ताकि उन्हें पूरा राशन मिल सके।

सरकार ने कोटेदारों (राशन डीलरों) को निर्देश

सरकार ने कोटेदारों (राशन डीलरों) को निर्देश दिया है कि वे घर-घर जाकर लाभार्थियों को ई-केवाईसी की अनिवार्यता के बारे में जागरूक करें। कोटेदार ऐसे लाभार्थियों की सूची तैयार कर रहे हैं जिन्होंने अभी तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है। इसके साथ ही, सरकार पंचायतों और नगर पालिकाओं के माध्यम से भी जागरूकता अभियान चला रही है

दूसरे राज्यों में रहने वाले राशन कार्ड धारक भी अपनी ई-केवाईसी पूरी कर सकते हैं। वे अपने राशन कार्ड नंबर और आधार कार्ड का उपयोग करके ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से ई-केवाईसी करवा सकते हैं।

लाभार्थी अपनी ई-केवाईसी नजदीकी राशन दुकान, जन सेवा केंद्र या ई-मित्र केंद्र पर जाकर भी करवा सकते हैं। यह प्रक्रिया सरल और फ्री है। पहले ई-केवाईसी की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 थी, जिसे अब बढ़ाकर 15 फरवरी 2025 कर दिया गया है। यह निर्णय सरकार ने लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया है, ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी योजना से वंचित न रह जाए।

ई-केवाईसी कराने के लिए लाभार्थियों को नजदीकी राशन दुकान, जन सेवा केंद्र या ई-मित्र केंद्र पर जाना होगा। इसके लिए आधार कार्ड और राशन कार्ड अनिवार्य दस्तावेज हैं। प्रक्रिया के दौरान बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन (फिंगरप्रिंट स्कैनिंग) किया जाएगा, ताकि पहचान की पुष्टि हो सके और ई-केवाईसी पूरी हो सके।