Budget 2025: केंद्र सरकार ने हाल ही में बजट 2025-26 में मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर में महत्वपूर्ण राहत की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में नई कर व्यवस्था में बदलाव करते हुए आयकर स्लैब में संशोधन किया है। अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर छूट की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। साथ ही, टीडीएस की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है, और वरिष्ठ नागरिक अब 4 साल तक अपडेटेड आईटीआर जमा करा सकते हैं।
नई कर स्लैब के अनुसार:
4 लाख रुपये तक की आय पर: 0% कर
4 से 8 लाख रुपये की आय पर: 5% कर
8 से 12 लाख रुपये की आय पर: 10% कर
12 से 16 लाख रुपये की आय पर: 15% कर
इन परिवर्तनों का उद्देश्य मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाना, उपभोग को प्रोत्साहित करना और आर्थिक विकास को गति देना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन कर कटौतियों से घरेलू खपत, बचत और निवेश में वृद्धि होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, जट में कृषि, विनिर्माण और वित्तीय क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों की घोषणा की गई है, जैसे कि उच्च उपज वाली फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय मिशन, किसानों के लिए सब्सिडी वाले ऋण की सीमा बढ़ाना, और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 100% तक बढ़ाना।
इन उपायों से मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों को कर राहत मिलने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे समग्र आर्थिक विकासमें सहायता होगी।
नई कर व्यवस्था के तहत मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। टैक्स छूट के नए नियमों के अनुसार, आयकर की देनदारी इस प्रकार बदली है:
12 लाख रुपये सालाना आमदनी → पहले ₹71,500 टैक्स देना पड़ता था, अब कोई टैक्स नहीं
13 लाख रुपये सालाना आमदनी → पहले ₹88,400, अब ₹66,300
15 लाख रुपये सालाना आमदनी → पहले ₹1,30,000, अब ₹97,500
इस बदलाव से मध्यम वर्ग की कर देनदारी कम होगी, जिससे उनकी बचत और खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
सरकार ने पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया है, यानी जो कर लाभ पहले मिल रहे थे, वे अब भी लागू रहेंगे।
पुरानी कर व्यवस्था के तहत मिलने वाले प्रमुख कर लाभ:
1. धारा 80C:
₹1,50,000 तक की छूट
इसमें EPF, PPF, जीवन बीमा, ट्यूशन फीस, NSC जैसी योजनाएं शामिल
2. धारा 800d
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर ₹25,000 तक की छूट
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000 तक की छूट
3. धारा 24(बी):
होम लोन के ब्याज पर ₹2,00,000 तक की छूट
4. स्टैंडर्ड डिडक्शन:
₹50,000 तक की छूट
5. अन्य लाभ:
एलटीए (Leave Travel Allowance) और एचआरए (House Rent Allowance) पर छूट
इसका मतलब यह है कि अगर कोई करदाता पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर भरना चाहता है, तो वह इन सभी छूटों का लाभ उठा सकता है। वहीं, नई कर व्यवस्था में इन कटौतियों का लाभ नहीं मिलता, लेकिन कर स्लैब को सरल कर दिया गया है।