Credit Card: क्रेडिट कार्ड को लेकर आरबीआई का बड़ा ऐलान! जानें जल्दी वरना होगा नुकसान

Credit Card: भारत में क्रेडिट कार्ड का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ा है। दिसंबर 2024 तक क्रेडिट कार्ड की संख्या 10.80 करोड़ हो गई है, जो दिसंबर 2019 में 5.53 करोड़ थी। इस दौरान क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शंस का कुल मूल्य 20.37 लाख करोड़ रुपये रहा, जो डेबिट कार्ड के मुकाबले कहीं अधिक है।

डेबिट कार्ड की संख्या की वृद्धि

डेबिट कार्ड की संख्या की वृद्धि स्थिर रही है, और दिसंबर 2024 में यह 99.09 करोड़ तक पहुंची है। डेबिट कार्ड से 173.90 करोड़ ट्रांजेक्शंस हुए, जिनकी कुल वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपये रही।

यह रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक

यह रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की गई है, और यह दर्शाता है कि भारत में डिजिटल पेमेंट्स और क्रेडिट कार्ड का उपयोग काफी तेजी से बढ़ रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, क्रेडिट कार्ड का उपयोग भारत में लगातार बढ़ रहा है, और इसमें सालाना 15% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सार्वजनिक और प्राइवेट बैंकों के क्रेडिट कार्ड्स में भी काफी वृद्धि देखी गई है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड्स की संख्या दिसंबर 2019 से दिसंबर 2024 तक 110% बढ़कर 257.61 लाख हो गई, जबकि निजी बैंकों ने 766 लाख क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं।

वहीं, विदेशी बैंकों के क्रेडिट कार्ड्स

वहीं, विदेशी बैंकों के क्रेडिट कार्ड्स की संख्या में गिरावट देखी गई है, जो दिसंबर 2019 में 65.79 लाख थी, और दिसंबर 2024 तक घटकर 45.94 लाख हो गई है।

भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में यूपीआई का दबदबा बढ़ा है, और 2024 में यूपीआई ट्रांजेक्शंस की हिस्सेदारी 83% हो गई है, जो 2019 में केवल 34% थी। इसके मुकाबले RTGS, NEFT, IMPS, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड जैसे अन्य पेमेंट सिस्टम्स की हिस्सेदारी 66% से घटकर 17% रह गई है।यह रिपोर्ट दर्शाती है कि डिजिटल पेमेंट्स, खासकर यूपीआई और क्रेडिट कार्ड, भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस

UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) लेनदेन में 2024 में भारी वृद्धि देखने को मिली है। यूपीआई लेनदेन की वॉल्यूम 2018 में 375 करोड़ से बढ़कर 2024 में 17,221 करोड़ हो गई है। इसके अलावा, यूपीआई के कुल लेनदेन की वैल्यू भी 5.86 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 246.83 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।यह वृद्धि डिजिटल भुगतान प्रणाली की बढ़ती स्वीकार्यता और उपयोगिता को दर्शाती है, खासकर भारत में जहां यूपीआई ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है।