DA Hike: सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का तोहफा, इस बार इतने फीसदी बढ़ा महंगाई भत्ता

DA Hike: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) में 3% की बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे यह वर्तमान 53% से बढ़कर 56% हो सकता है। यह वृद्धि 1 जनवरी 2025 से लागू होने की उम्मीद है। हालांकि, नवंबर और दिसंबर 2024 के AICPI (ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) के आंकड़े अभी आने बाकी हैं, जिनके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹20,000 है, तो वर्तमान में 53% DA के अनुसार उन्हें ₹10,600 महंगाई भत्ता मिलता है। 3% वृद्धि के बाद, यह बढ़कर 56% यानी ₹11,200 हो जाएगा, जिससे मासिक वेतन में ₹600 की वृद्धि होगी।आधिकारिक घोषणा के बाद, यह वृद्धि मार्च 2025 से वेतन में शामिल की जाएगी।

केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में जनवरी 2025 से 3% की वृद्धि की संभावना है, जिससे यह 53% से बढ़कर 56% हो सकता है। हालांकि, अंतिम निर्णय नवंबर और दिसंबर 2024 के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आंकड़ों पर निर्भर करेगा।

महंगाई भत्ते में वृद्धि का वेतन पर प्रभाव:

न्यूनतम वेतन (₹18,000): वर्तमान में 53% DA के अनुसार ₹9,540 मिलता है। 3% वृद्धि के बाद, यह बढ़कर 56% यानी ₹10,080 हो जाएगा, जिससे मासिक वेतन में ₹540 की वृद्धि होगी।

अधिकतम वेतन (₹2,50,000): वर्तमान में 53% DA के अनुसार ₹1,32,500 मिलता है। 3% वृद्धि के बाद, यह बढ़कर 56% यानी ₹1,40,000 हो जाएगा, जिससे मासिक वेतन में ₹7,500 की वृद्धि होगी।

पेंशनभोगियों के लिए भी यह वृद्धि लाभकारी होगी। उदाहरण के लिए, न्यूनतम पेंशन (₹9,000) पर ₹270 की वृद्धि और अधिकतम पेंशन (

महंगाई भत्ते (DA) में 3% की संभावित बढ़ोतरी से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण लाभ होगा। जैसा कि आपने बताया, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹20,000 है, र्तमान दर (53%) पर, उन्हें ₹10,600 महंगाई भत्ता मिलता है। नई दर (56%) पर, यह बढ़कर ₹11,200 हो जाएगा।इससे ₹600 प्रति माह की वृद्धि होगी। यह बदलाव जनवरी 2025 से लागू होगा, लेकिन मार्च 2025 से वेतन में समायोजित किया जाएगा।

वृद्धि न केवल कर्मचारियों बल्कि पेंशनभोगियों

यह वृद्धि न केवल कर्मचारियों बल्कि पेंशनभोगियों के लिए भी लाभकारी होगी। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का उद्देश्य बढ़ती महंगाई के प्रभाव को कम करना है, जिससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति बेहतर हो सके।