Delhi AAP Manifesto for Middle Class: दिल्ली विधानसभा का चुनाव (delhi assembly elections) 5 फरवरी को होना है, जिससे पहले सभी पार्टियां जीतोड़ मेहनत में लगी हैं. यह चुनाव आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) के विकास और बीजेपी के राष्ट्रीय मुद्दों की असल परीक्षा होगा. कांग्रेस की तरफ से आप और बीजेपी को जमकर घेरा जा रहा है. दूसरी तरफ अब दिल्ली की सत्ता में काबिज आप ने अपना घोषणा पत्र (Menifesto) जारी कर दिया है.
आप ने अपने घोषणा पत्र में मिडिल क्लास (Middle Class) के लोगों को लुभाने की पूरी कोशिश की है. पार्टी मुख्याल पर पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal) ने एक वीडियो जराी कर बीजेपी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. घोषणा पत्र में क्या कुछ खास है, यह नीचे डिटेल में जान सकते हैं. इसके लिए आप ध्यान से नीचे तक आर्टिकल ध्यान से पढ़ लें.
मिडिल क्लास के लिए क्या बोले केजरीवाल
दिल्ली चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी पार्टी ने मिडिल क्लास के लिए अलग से मेनिफेस्टों जारी किया है. इस बीच अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाकी पार्टियों ने धर्म और जाति के आधार पर अपने वोटबैंक बांट रखे हैं। उन्होंने कहा कि इसी वोटबैंक और नोटबैंक के बीच एक बड़ा तबका पिस रहा है, जिसे नुकसान होता है. वो भारत का मिडिल क्लास वर्ग.
आजाद भारत के 75 सालों में एक के बाद एक कई सरकारें आईं और सभी ने मिडिल क्लास के लोगों को निचोड़ कर रख दिया है. केजरीवाल ने कहा कि इस वर्ग को किसी तरह की मदद नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ों की संख्या में मिडिल क्लास के लोग टैक्स भरने का काम करते हैं. लेकिन बदले में उन्हें कभी कुछ नहीं मिलता है. इस मिडिल क्लास में लाखों लोग शामिल किए गए हैं.
केजरीवाल बोले- टैक्स ने तोड़ी मिडिल क्लास की कमर
मिडिल क्लास के लिए लिए मेनिफेस्टो जारी करते हुए अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस को जमकर सुनाई. उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास लोग साल में 10-12 लाख रुपए कमाते हैं तो उनपर कई सारे टैक्स लगा दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सारे टैक्स मिलाने के बाद मिडिल क्लास लोगों की 50 फीसदी इनकम सरकार के पास चली जाती है.
फैमिली प्लानिंग एक वित्तीय मुद्दा बन गया है. यही वजह है कि कई लोग देश छोड़कर जाते दिख रहे हैं. आगे केजरीवाल ने कहा कि मिडिल क्लास सिर्फ शिक्षा से आगे बढ़ सकता है। इसलिए हमारी सरकार बनने के बाद शिक्षा का बजट 5000 करोड़ से बढ़ाकर 10000 करोड़ करने का फैसला लिया गया है. आज यह बजट 16000 करोड़ रुपये है.