Delhi Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव (delhi assembly election) पर सभी की नजरें टिकी हैं, जहां सियासी तपिश सातवें आसमान पर चल रही है. बीजेपी की तरफ से खुद पीएम मोदी, अमित शाह और तमाम स्थानीय नेताओं की नजरें तो हैं तो ‘आप’ भी चुनावी अभियान में पीछे नहीं है. खुद पूर्व सीएम और आप संयोजक अरविंद केंजरीवाल (arvind kejriwal) नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं. दूसरी तरफ सोमवार नामांकन पत्र लेने का आखिरी दिन था.
अब दिल्ली के चुनावी रण में सभी 70 सीटों पर सिर्फ 699 प्रत्याशी रह गए हैं. बीते दिन रविवार तक उम्मीदवारों की संख्या 719 थी, लेकिन बीते दिन 20 और नामांकन वापस लिए गए. सभी ज्यादा उम्मीदवार नई दिल्ली विधानसभा सीट पर हैं. यहां 23 नामांकन पत्र दाखिल हैं. इसी सीट से अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal) भी उम्मीदवार हैं. बड़ी संख्या में फॉर्म रिजेक्ट किए गए हैं.
दिल्ली में कितने उम्मीदवारों ने कराया था नामांकन पत्र
साल 2013 के चुनाव की तुलना करें तो इस बार उम्मीदवारों का सबसे ज्यादा संख्या है. सभी 70 सीटों पर 1522 लोगों ने नॉमिनेशन दाखिल कराया था. इसमें पर्याप्त कागजों में कमी और अन्य गड़बड़ी के चलते 541 नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए थे. कुछ अन्य कारणों से स्क्रूटनी के दौरान 262 फॉर्म रिजेक्ट हुए. इस हिसाब से कुल 803 फॉर्म रिजेक्ट हुए थे.
बावजूद इसके 719 प्रत्याशी मैदान में बच गए, जिसमें से सोमवार को 20 ने अपना नाम वापस ले लिया था. अब कुल संख्या 699 बची है. मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक, 10 जनवरी को विधानसभआ चुनाव का नोटिफिकेशन किया गया था. इसी दिन नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी.
केजरीवाल की सीट पर सबसे ज्यादा उम्मीदवार
दिल्ली के पूर्व सीएम और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की सीट पर सबसे ज्यादा नामांकन दाखिल कराए गए हैं. यहां 40 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था, लेकिन छंटनी के बाद यह संख्या 23 प्रत्याशी मैदान में हैं. इस सीट के अलावा जनपुरी विधानसभा सीट से 26 लोगों ने नामांकन कराया था. छंटनी के बाद यहां प्रत्याशियों की संख्या कुल 16 रह गई है. कसतूरबा नगर विधानसभा सीट ऐसी हैं जहां सबसे कम 5 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
कब डाले जाएंगे वोट?
दिल्ली विधानसभा के लिए 5 फरवरी को जनता सभी उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद करेगी. इसके तीन दिन बाद यानी 8 फरवरी को चुनावी नतीजे आएंगे. राजधानी के चुनाव पर सबकी नजरें हैं. लगातार 11 साल से सत्ता की कुर्सी पर बैठी आप भी जीत का चौका लगाने का दावा कर रही तो बीजेपी और कांग्रेस भी चुनाव प्रचार में पीछे नहीं है.