सनातन धर्म में एकादशी तिथि प्रत्येक महीने में दो बार आती है। वहीं, हिन्दू धर्म में पंचांग के अनुसार, ये खास दिन विष्णु भगवान जी को खास रूप से समर्पित किया जाता है। फ़रवरी के खास महीने में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी ( Vijya Ekadashi) के रूप में मनाया जाना है। धार्मिक मान्यताएं हैँ की इस खास दिन जातक अगर सच्चे मन से विधि विधान से पूजा करें और व्रत रखें तो सुख – समृद्धि कि प्राप्ति होगी। इसके अलावा घर में खुशियां आएँगी और समृद्धि का वास होगा।
कहा जाता है कि विजया एकादशी के खास दिन लोगों को व्रत रखने के साथ गंगा स्नान करके, दान पुण्य भी करना चाहिए, जीवन से जुड़ी अगर किसी भी तरह कि बाधाओं को दूर करना चाहते हैँ तो।
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जानिए कि कब है विजया एकादशी?
सनातन धर्म में पंचांग के अनुसार, 23 फ़रवरी को फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष कि एकादशी तिथि के दिन दोपहर के 01 बजकर 55 मिनट पर आरम्भ होगी। जो कि 24 फ़रवरी को दोपहर के 01:44 बजे खत्म हो जाएगी। उदया तिथि कि मान्यता कि वजह से 24 फरवरी को विजया एकादशी व्रत मनाया जाना है।
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विजया एकादशी के दिन ये उपाय करना न भूलें:
• एकादशी के खास शुभ अवसर के दिन शाम के समय माँ तुलसी जी के सामने घी का दिया जलाएं। साथ ही उनमें एक लोटा ज़ल या गंगा ज़ल चढ़ा के पांच बार परिक्रमा करें। सभी तरह के शुभ फलों कि प्राप्ति होगी।
• इस खास दिन अगर गीता का पाठ करेंगे तो अध्यात्मिक शक्ति बढ़ेगी और विष्णु जी कि विशेष कृपा प्राप्त होगी।
• विजया एकादशी के खास दिन गरीबों को अन्न जरूर दान करें। इसके अलावा भगवान विष्णु जी और माँ लक्ष्मी जी को पीले रंग के फूलों को चढ़ाएं।
• वहीं, अगर कर्ज से मुक्ति पाना चाहते हैँ तो विजया एकादशी के खास दिन भगवान विष्णु जी कि आरती का पाठ करें। वो भी दिन में तीन बार।