Driving licence: सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस धारकों के लिए राहत भरा है। अब वे 7,500 किलोग्राम तक के हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन चला सकते हैं और बीमा कंपनियां दुर्घटना के बाद क्लेम देने से इनकार नहीं कर सकेंगी।
जरूरी फैसला:
LMV लाइसेंस धारक अब 7,500 किलोग्राम तक के कमर्शियल वाहन चला सकते हैं। बीमा कंपनियां दुर्घटना के बाद क्लेम देने से इनकार नहीं कर पाएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के फैसले को बरकरार रखा। सड़क हादसों के लिए केवल हल्के वाहन चालकों को दोष नहीं दिया जा सकता।
अन्य कारण भी जिम्मेदार हैं जैसे
सीट बेल्ट न लगाना
मोबाइल का इस्तेमाल
नशे में गाड़ी चलाना
लापरवाह ड्राइविंग
इस फैसले का असर:
छोटे ट्रांसपोर्टरों और ड्राइवरों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। बीमा क्लेम से इनकार करने का आधार कमजोर हुआ। सड़क सुरक्षा के प्रति सख्त नियमों की जरूरत को भी रेखांकित किया गया। इस फैसले से उन ड्राइवरों को फायदा होगा, जो हल्के व्यावसायिक वाहन चलाकर अपनी आजीविका चलाते हैं।
अब एलएमवी लाइसेंस धारक
सुप्रीम कोर्ट की पाँच जजों की संविधान पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस धारक 7,500 किलोग्राम तक के वजन वाले ट्रांसपोर्ट वाहन चला सकते हैं। साथ ही, अगर कोई दुर्घटना होती है, तो बीमा कंपनियां क्लेम देने से इनकार नहीं कर सकेंगी। फैसला वाहन अधिनियम की व्याख्या से जुड़ा एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिससे अब एलएमवी लाइसेंस रखने वाले ड्राइवरों को 7,500 किलोग्राम तक के कमर्शियल वाहन चलाने की अनुमति मिल गई है
इस मुद्दे पर सीजेआई की अध्यक्षता
इस मुद्दे पर सीजेआई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने 21 अगस्त को सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सड़क सुरक्षा वैश्विक स्तर पर एक गंभीर मुद्दा है।