नई दिल्ली: वित्त मंत्री द्वारा 2024-25 में पेश किए गए बजट की बात करें तो अगले वित्त वर्ष को लेकर 2025-26 में जीडीपी की ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी से बढ़कर 6.8 फीसदी होने की उम्मीद लगाई जा रही है। वहीं माना गया है कि चार साल में सबसे कम विकास दर रहने की उम्मीद है। वहीं पिछले साल 22 जुलाई 2024 को आर्थिक सर्वे के दौरान वित्त वर्ष को लेकर 6.5 फीसदी से होने के बाद 7 फीसदी रहने की पूरी उम्मीद लगाई है।
सर्विसेज एक्सपेंडिचर में हुई बढ़त
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार देखा जाए तो शिक्षा, स्वास्थ्य और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से नागरिकों को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने प्रगति को लेकर फोकस किया है। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 की बात करें तो इसके लिए काफी खर्च हुआ था। ये 15 फीसदी से बढ़ने के बाद 26.2 फीसदी होने की पूरी उम्मीद लगाई जा रही है।
विकसित भारत के लिए इतनी विकास दर जरूरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में देश की आर्थिक स्थिति को पेश किया गया। इकोनाॅमिक सर्वे के अनुसार भारत में 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 से बढ़ने के बाद 6.8 तक रहेगी। वहीं दूसरी तरफ भारत को विकसित बनाने को लेकर 8 फीसदी तक विकास दर को पहुंचाना है। माना जा रहा है कि भारत के बेहतर विकास के लिए 8 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ रेट होना जरूरी है। वैश्विक हालात में राजनीतिक और आर्थिक हालात को शामिल किया गया है।
सोशल मीडिया से युवाओं को हो रही परेशानी
इकोनाॅमिक सर्वे के अनुसार युवाओं की मेंटल हेल्थ की मदद से अर्थव्यवस्था को गति मिलने वाली है। वर्कप्लेस कल्चर, और परिवार के हालात प्रोडक्टिविटी को लेकर काफी बेहतर तरह से मायना रखता है। सोशल मीडिया पर खाली समय बिताना व्यायाम न करना और परिवार के साथ कम समय बिताने की वजह से युवाओं की मेंटल हेल्थ पर काफी असर पड़ रहा है।