नई दिल्ली: अगर आप किसी बिजनेस की तलाश कर रहे हैं तो हम आपको एक बेहतर आइडिया देने वाले हैं। यह एक शानदार बिजनेस है जो आपको लाखपति बना देगा। हम मेथी की खेती के बारे में बात करने वाले हैं। ये हर्बल प्रोडक्ट के तौर पर जाना जाता है। कोरोना महामारी के बाद ही हर्बल प्रोडक्ट की काफी ज्यादा डिमांड हो चुकी है। अब किसान अनाज और सब्जी फलों के अलावा हर्बल फसलों पर भी पूरी तरह से ध्यान देते हैं। हर्बल का मतलब है औषधीय फसलों की खेती में 3 गुना अधिक आमदनी होती है।
इसके साथ ही आप मिट्टी की सेहत भी बेहतर हो जाती है। ऐसे ही मोटी फसलों की कमाई में मैथी की खेती को भी शामिल किया गया है। इसकी खेती कई सारे इलाकों में होती है। इसमें आपका राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और गुजरात को शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश के बदायूं, बरैली, बाराबंकी, फैजाबाद और अंबेडकर नगर में सबसे ज्यादा उपज होती है।
क्या होता है मेंथा
मेंथा को देश में अलग अलग नाम से जानते हैं। इसमें आपका पुदीना, कर्पूरमिंट, पिपरमिंट भी शामिल है। इसका इस्तेमाल देखा जाए तो दवाएं, तेल, ब्यूटी प्रोडक्ट, टूथपेस्ट और कैंडी बनाने के लिए होता है। भारत मेंथा के तेल का बड़ा उत्पादक देश के रूप में जाना जाता है। मेंथा का तेल निकालने के साथ ही आप दूसरे देशों में निर्यात होता है। मेंथी की कमाई को लेकर अच्छी सिंचाई करना पड़ता है। इस समय पर मेंथा की फसल तीन महीने के दौरान तैयार की जाती है।
मेंथा की खेती से मिलेगा फायदा
मेता की खेती को फरवरी से लेकर मध्य अप्रैल तक रोपाई कर जून के दौरान इसकी फसल को काटा जाता है। इसकी पत्तियों से निकाता जा रहा है। मेंथा की खेती को नमी की काफी जरूरत पड़ती है। इसके चलते इसमें हर 8 दिन में सिंचाई करते हैं। जून में साफ मौसम देखने के दौरान कटाई करना जरूरी होता है।
मेंथा में होगी बंपर कमाई
मेंथा की खेती नकदी फसल होती है। मेंथी की खेती में लागत कम होने लगती है। इसकी फसल को तैयार करना होता है। मेंथा की फसल को हल्दी नमी की जरूरत पड़ने लगती है।