Fastag Update: Fastag को लेकर कल से लागू होने जा रहा ये बड़ा नियम! अब कटेगा दुगना टोल टैक्स

Fastag Update: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने FASTag उपयोगकर्ताओं के लिए नए नियम जारी किए हैं, जो 17 फरवरी 2025 से प्रभावी होंगे। इन नियमों के अनुसार, यदि आपका FASTag ब्लैकलिस्टेड है या आपके खाते में अपर्याप्त बैलेंस है, तो टोल प्लाजा पर आपको दोगुना शुल्क देना पड़ सकता है। 

जरूरी बदलाव ब्लैकलिस्ट और लो बैलेंस वाले FASTag:

यदि आपका FASTag रीडर द्वारा स्कैन किए जाने से 60 मिनट पहले से ब्लैकलिस्टेड है और स्कैन के 10 मिनट बाद तक सक्रिय नहीं होता है, तो आपका लेन-देन अस्वीकार कर दिया जाएगा।

दोगुना टोल शुल्क:

उपरोक्त स्थिति में, लेन-देन “एरर कोड 176” के साथ अस्वीकार होगा, और आपको टोल प्लाजा पर दोगुना शुल्क देना होगा।

फास्टैग वैलिडेशन में बड़े बदलाव

NPCI के 28 जनवरी के सर्कुलर के मुताबिक अब फास्टैग ट्रांजेक्शन को तय समय सीमा के अंदर पूरा करना अनिवार्य होगा। इसमें दो अहम शर्तें जोड़ी गई हैं:

टोल स्कैन से 60 मिनट पहले: अगर फास्टैग एक घंटे से ज्यादा समय तक ब्लैकलिस्ट, हॉटलिस्ट या लो बैलेंस स्टेटस में रहा है तो ट्रांजेक्शन रिजेक्ट हो जाएगा।

टोल स्कैन के 10 मिनट बाद: अगर स्कैन के बाद 10 मिनट तक फास्टैग इनएक्टिव या ब्लैकलिस्टेड रहता है तो ट्रांजेक्शन फिर से रिजेक्ट हो जाएगा।

अगर ये दोनों शर्तें पूरी होती हैं तो

अगर ये दोनों शर्तें पूरी होती हैं तो सिस्टम एरर कोड 176 के साथ ट्रांजेक्शन को रिजेक्ट कर देगा और यूजर को दोगुना टोल शुल्क देना होगा। नए नियमों का उद्देश्य और प्रभाव विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से टोल प्रक्रिया सरल होगी और टोल प्लाजा पर विवाद कम होंगे।

एक कानूनी विशेषज्ञ ने कहा, “इस सिस्टम से ट्रांजेक्शन फेल होने की घटनाएं कम होंगी, टोल का अनुभव बेहतर होगा और यूजर्स अपने अकाउंट मैनेजमेंट पर ध्यान देने के लिए प्रेरित होंगे।” इसके अलावा इस नए सिस्टम का उद्देश्य टोल कलेक्शन को और अधिक पारदर्शी और सुचारू बनाना है। ताकि टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम को रोका जा सके और यात्रा को सुगम बनाया जा सके। जिन यूजर्स को इन बदलावों की जानकारी नहीं है, उन्हें अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि सभी वाहन मालिक अपने फास्टैग का सही तरीके से रखरखाव करें।