Fastag Update: फास्टैग का नया नियम हुआ लागू! कतई ना करें ये गलती! वरना भरोगे जुर्माना

Fastag Update:आज हम आपके लिए टोल टैक्स से जुड़ी एक बहुत यह बेहतरीन खबर लेकर आई है। जिसमें आपको बहुत ही ज्यादा खुशखबरी होने वाली है। और टोल टैक्स में यानहीं फास्टैग को लेकर बड़ी अपडेट मिलने वाली है तो चलिए हम आपको बताते हैं। नए फास्टैग नियम सोमवार से लागू हो गए हैं, जिनका उद्देश्य टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम को कम करना और डिजिटल भुगतान को सुचारू बनाना है।

नए नियमों:

कम बैलेंस, भुगतान में देरी या ब्लैकलिस्टेड फास्टैग पर अतिरिक्त जुर्माना लगेगा। टोल पार करने से पहले 60 मिनट से ज्यादा और टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक फास्टैग निष्क्रिय रहने पर ट्रांजेक्शन रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इस तरह के असफल लेनदेन को एरर कोड 176 के रूप में दर्शाया जाएगा। अगर टोल बूथ से गुजरने के बाद 15 मिनट से ज्यादा समय में भुगतान होता है, तो यूजर को अतिरिक्त शुल्क देना होगा। पहले टोल बूथ पर ही फास्टैग रिचार्ज किया जा सकता था, लेकिन अब इसे पहले से रिचार्ज करना अनिवार्य होगा।

इस बदलाव का उद्देश्य:

टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतारों को कम करना। सुचारू और तेज़ डिजिटल लेन-देन सुनिश्चित करना।बकाया टोल और ब्लैकलिस्टेड फास्टैग से होने वाली परेशानियों को दूर करना। वाहन मालिकों को यात्रा से पहले अपना फास्टैग बैलेंस चेक कर लेना चाहिए और समय पर रिचार्ज करना चाहिए ताकि टोल प्लाजा पर किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

फास्टैग वैलिडेशन में बड़े बदलाव

एनपीसीआई के 28 जनवरी के सर्कुलर के मुताबिक अब फास्टैग ट्रांजेक्शन तय समय सीमा के अंदर पूरा करना अनिवार्य होगा। दो महत्वपूर्ण शर्तें जोड़ी गई हैं:

टोल स्कैन से 60 मिनट पहले: अगर फास्टैग एक घंटे से ज़्यादा समय तक ब्लैकलिस्ट, हॉटलिस्ट या लो बैलेंस स्टेटस में रहा है, तो ट्रांजेक्शन रिजेक्ट हो जाएगा।

टोल स्कैन के 10 मिनट बाद: अगर स्कैन के बाद 10 मिनट तक फास्टैग निष्क्रिय या ब्लैकलिस्टेड रहता है, तो ट्रांजेक्शन फिर से रिजेक्ट हो जाएगा।

अगर ये दोनों शर्तें पूरी होती हैं, तो सिस्टम एरर कोड 176 के साथ ट्रांजेक्शन रिजेक्ट कर देगा और यूजर को दोगुना टोल शुल्क देना होगा।