वित्त मंत्री बढ़ा देगी आयकर छूट वाली सीमा, जानें क्या है राय

नई दिल्ली: एक फरवरी के दौरान केंद्र सरकार फाइनेनशियल ईयर को लेकर बजट को पेश कर सकती है। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए चुनौती है कि स्टेकहोल्डर्स बढ़ती अपेक्षाओ को लेकर एड्रेस करना होता है। ऐसे में बजट को लेकर तैयार करना पड़ता है तो मध्यम वर्ग के कर दाताओं को लेकर राहत देना और आर्थिक विकास को बढ़ाने में मदद मिलेगी। वहीं इन अपेक्षाओं को संबंधित करने को लेकर शार्ट टर्म पूरा करने के लिए योजना की जरूरत होती है।

पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या है अंतर

पुरानी टैक्स रिजीम की बात करें तो 2.5 लाख रूपये तक की इनकम कमा रहे लोगों को किसी तरह की इनकम नहीं देनी होती है। वहीं जिनकी इनकम 2.5 लाख रूपये से 5 लाख रूपये तक है उनको 5 प्रतिशत के अनुसार टैक्स देना पड़ता है। 10 साल की एनुअल इनकम वालों को 20 प्रतिशत तक औऱ 10 लाख से ज्यादा इनकम कमाने वालों को 30 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है।

नए टैक्स स्लैब के मुताबिक इसको लेकर तीन लाख रूपये की इनकम में आपको किसी तरह का टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है। वहीं 3 से 6 लाख रूपये की इनकम पर आपको 5 प्रतिशत टैक्स देना होता है। अगर आपकी इनकम 6 लाख रूपये से 9 लाख रूपये प्रति साल है तो आपको 10 फीसदी तक का टैक्स देना पड़ जाता है।

जानकारी के मुताबिक न्यू टैक्स रिजीम को 2020 में लाया गया था। इसके मुताबिक करदाताओं को छूट का लाभ दिया गया। इसके तहत उनको ओल्ड या फिर न्यू टैक्स रिजीम चुनने का शानदार विकल्प मौजूद था।

आयकर छूट में इतनी होती है सीमा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुरानी व्यवस्था को बनाने रखने के साथ नई टैक्स रिजीम को लाया गया था। इससे उनकी मुश्किल और अधिक बढ़ने लग गई थी। इसके अलावा मौजूदा छूट सीमा भी पुरानी हो चुकी है। इससे करदाताओं को काफी असर पड़ गया है।