नई दिल्ली: पैन यानी परमानेंट अकाउंट नंबर (Pan Card) की मदद से टैक्स पेयर को सौंपा गया है। एक शख्स द्वारा 10 अंक की पहचानकर्ता माना जाता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष द्वारा बोर्ड की देखरेख होती है। वहीं यह पहचान वेरिफिकेशन के तौर पर भी कार्य कर रही है।
टैक्स (Income Tax) योग्य सैलरी या फिर पेशेवर शुल्क को हासिल करने, संपत्ति बेचने या फिर खरीदने, म्यूचयल फंड खरीदने आदि कई तरह की चीजों की जरूरत हो जाती है। आइए हम जान लेते हैं कि किन चीजों में इस्तेमाल और कहां पर करते हैं।
बैंकिंग में पैन कार्ड
- बचत, चालू और सावधि खाता खोलने के दौरान जमा खाता खोलने के दौरान अपना पैन कार्ड देना होगा।
- एक दिन के दौरान 50,000 रूपये से ज्यादा नकद जमा करना और इससे ज्यादा राशि को पैन की जरूरत होती है।
- ऋण या फिर क्रेडिट कार्ड को लेकर आवेदन करने के दौरान आपकी साख या फिर वित्तीय इतिहास जानने के लिए पैन की जरूरत पड़ती है।
- बचत खाता या फिर सावधि जमा पर आय को ट्रैक करने के लिए जरूरत है। यह सुनिश्चित करता है कि स्रोत पर कर की राशि को काट दिया जाए।
निवेश में पैन कार्ड की पड़ेगी जरूरत
डीमेट अकाउंट खोलना है तो पैन कार्ड चाहिए होता है। इसमें आपके शेयर को इलेक्ट्रानिक तौर पर रखा जा रहा है।
म्यूचयल फंड में आपको निवेश करना है तो 50,000 रूपये से ज्यादा के लेन देन को लेकर पैन कार्ड जरूरी है।
अगर आप बाॅन्ड या फिर डिबेंचर में निवेश कर रहे हैं तो आपको अपना पैन देना पड़ जाता है। इस ब्याज से आय को ट्रैक करने में मदद करता है।
संपत्ति लेनदेन में पैन कार्ड है जरूरी
10 लाख रूपये या फिर आप उससे ज्यादा की संपत्ति खरीदने वाले हैं तो आपको पैन कार्ड देना पड़ता है।
अगर कोई संपत्ति बेच रहा है तो फिर आपके लिए पैन कार्ड देना भी जरूरी हो जाता है।
होम लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आपकी वित्तीय पृष्ठभूमि और ऋण-योग्यता का आंकलन करने को लेकर पैन कार्ड जरूरी हो जाता है।
ऐसे किराए से करार करने को लेकर सालाना किराया 1 लाख रूपये से ज्यादा होता है।