iPhone यूजर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, बिना नेटवर्क के भी कॉल कर पाएंगे

नई दिल्ली: क्या आपने कभी सोचा है कि अगर मोबाइल नेटवर्क न हो, तो भी आप कॉल कर सकें? जी हां, यह सपना अब सच होने वाला है। एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने अपनी नई डायरेक्ट-टू-सेल (Direct-to-Cell) टेक्नोलॉजी लॉन्च की है, जो आईफोन यूजर्स को बिना मोबाइल नेटवर्क के भी कॉल और एसएमएस करने की सुविधा देगी। यह सुविधा जल्द ही आईफोन यूजर्स को मिलने वाली है, लेकिन फिलहाल यह केवल अमेरिका तक ही सीमित है।

क्या है डायरेक्ट-टू-सेल टेक्नोलॉजी?

स्टारलिंक की यह नई टेक्नोलॉजी यूजर्स को बिना मोबाइल टावर के भी कॉल और एसएमएस करने की सुविधा देती है। यह सुविधा उन जगहों पर बेहद उपयोगी साबित होगी, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचता, जैसे दूरदराज के इलाके, समुद्र या पहाड़ी क्षेत्र। इसके लिए आपके फोन में किसी अतिरिक्त हार्डवेयर की जरूरत नहीं होगी।

इस टेक्नोलॉजी के जरिए यूजर्स सिर्फ कॉल और एसएमएस ही नहीं, बल्कि इंटरनेट ब्राउजिंग का भी लुत्फ उठा सकेंगे। स्टारलिंक इसे “अंतरिक्ष का मोबाइल टावर” कहकर प्रमोट कर रहा है। यह टेक्नोलॉजी 4G LTE स्टैंडर्ड पर काम करेगी, जिससे यूजर्स को हाई-डेफिनिशन कॉलिंग और इंटरनेट की सुविगा मिलेगी।

किन आईफोन मॉडल्स को मिलेगी यह सुविधा?

यह सुविधा iOS 18.3 ऑपरेटिंग सिस्टम वाले आईफोन मॉडल्स में उपलब्ध होगी। हालांकि, फिलहाल यह सिर्फ अमेरिका के यूजर्स के लिए ही लॉन्च की गई है। भारत और अन्य देशों के यूजर्स को इस सुविधा का इंतजार करना होगा।

कहां-कहां हो रही है टेस्टिंग?

स्टारलिंक ने इस टेक्नोलॉजी को टेस्ट करने के लिए दुनिया भर की कई टेलीकॉम कंपनियों के साथ साझेदारी की है। इनमें अमेरिका की T-Mobile, जापान की KDDI, कनाडा की Rogers, ऑस्ट्रेलिया की Optus, चिली और पेरू की Entel, स्विट्जरलैंड की Salt और न्यूजीलैंड की One NZ शामिल हैं।

क्या यह टेक्नोलॉजी भारत में आएगी?

फिलहाल, स्टारलिंक ने भारत में इस सर्विस को लॉन्च करने की कोई घोषणा नहीं की है। हालांकि, भविष्य में इसके भारत में आने की संभावना बनी रहेगी, क्योंकि स्टारलिंक अपनी सेवाओं का विस्तार लगातार कर रहा है।

क्यों है यह टेक्नोलॉजी खास?

बिना नेटवर्क के कॉलिंग: यह टेक्नोलॉजी उन जगहों पर काम आएगी, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचता।
इमरजेंसी में मददगार: समुद्र, पहाड़ या दूरदराज के इलाकों में इमरजेंसी कॉल करना आसान हो जाएगा।
IoT डिवाइस के लिए उपयोगी: इस टेक्नोलॉजी के जरिए IoT डिवाइस को भी कनेक्ट किया जा सकेगा।

अभी क्या है चुनौती?

हालांकि यह टेक्नोलॉजी बेहद उपयोगी है, लेकिन इसकी टेस्टिंग अभी शुरुआती चरण में है। इसे पूरी तरह से लॉन्च होने में कुछ समय लग सकता है। साथ ही, भारत जैसे देशों में इसे लॉन्च करने के लिए सरकारी अनुमति और इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी।

स्टारलिंक की डायरेक्ट-टू-सेल टेक्नोलॉजी मोबाइल कम्युनिकेशन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न सिर्फ यूजर्स को बेहतर कनेक्टिविटी देगी, बल्कि इमरजेंसी स्थितियों में भी मददगार साबित होगी। हालांकि, भारतीय यूजर्स को इसका इंतजार करना होगा।