नई दिल्ली: आजकल घर को किराए पर लेना ज्यादा पसंद किया जाता है। मुंबई के अंकित ने घर किराए पर लिया था। लेकिन कुछ समय बाद उनको 35,000 रूपये किराया देना काफी खल रहा था। उन्होंने घर खरीदने के बाद मुंबई में शिफ्ट होने का फैसला किया। उनको पता था कि घर खरीदने के बाद दो तरह के फायदे हो सकते हैं। एक तो किराए के घर में रहना नहीं पड़ेगा। कुछ सालों के बाद घर की कीमत में बढ़त होने लगेगी।
लाॅन्ग टर्म प्लान के आधार पर करें फैसला
गौरव सावंत की सोच इसमे काफी अलग आंकी गई है। वह एक दशक से ही किराए के घर में रहते हैं। उन्होंने कहा कि हर महीने आप एक फिक्स्ड अमाउंट EMI का चुकाने के अलावा 18000 रूपये का किराया चुकान ज्यादा सरल होता है। अब देखना ये होगा कि दोनों में किसकी सोच ठीक है। इसमें एक्सपर्ट का मानना है कि इस सवाल का जवाब नहीं दिया जा सकता है। घर खरीदने के अलावा किराए वाले घर में रहने का फैसला कई स्थिति पर डिपेंड करता है।
आपको घर खरीदना है तो लंबे समय तक उसकी ईएमआई को चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर किसी घर की कीमत 1 करोड़ रूपये है। वहीं उसका किराया 22,000 रूपया आता है। अगर दो महीने का सिक्योरिटी को जोड़ते हैं तो आपको 44,000 रूपये तक मिलता है। अगर आपको ये घर खरीदना है तो इसके लिए 25 फीसदी तक डाउन पेमेंट करना होता है ।
दोनों की एक जैसी रहेगी काॅस्ट
अगर आफ किराए पर लेना चाहते हैं तो आपको 20 साल के दौरान 1.61 करोड़ रूपये चुकाना पड़ता है। इस रेंट में हर साल आपको 8 से 10 की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। शुरूआत में घर का रेंट काफी कम रहता है। इसके बाद ये भी बढ़ने लग रहा है। लंबे अवधि पर घर खरीदने के अलावा किराए पर लेने वाली काॅस्ट एक ही बताई जाती है।