Mahakumbh Snan 2025: महाकुम्भ में करने जा रहे हैँ स्नान तो जरूर करें ये एक काम, वरना नहीं मिलेगा पुण्य फल!

Mahakumbh 2025 Snan: ये तो आप सभी लोग ही जानते होंगे कि प्रयागराज में महाकुम्भ का धार्मिक आयोजन चल रहा है और रोजाना ही लाखों – करोड़ों कि तादात में लोग डुबकी लगाने आते हैँ। वहीं, माघ कि पूर्णिमा के बाद अलगा शाही स्नान महाशिवरात्रि पर 26 फ़रवरी के दिन किया जाएगा। वहीं, धार्मिक मान्यता है कि जो भी व्यक्ति पवित्र त्रिवेणी संगम पर स्नान करता है उसे आत्मिक शुद्धि और मोक्ष कि प्राप्ति होती है।

ऐसे में यदि आप भी महाकुम्भ में स्नान करने के लिए गए हुए हैँ या जाने का विचार कार रहे हैँ तो कुछ अहम बात हैँ जिनके बारे में आपको पता जरूर होना चाहिए क्योंकि इसके बिना कुम्भ में स्नान करना बिलकुल अधूरा है। ऐसे में जानते हैँ कि कुम्भ में स्नान के बाद भक्तों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

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कुम्भ में स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य को अर्ध्य दें और माँ तुलसी जी कि परिक्रमा अवश्य करें। क्योंकि ये किए हुए बिना समझ लें कि आपका स्नान करना अधूरा है। माँ तुलसी जी कि परिक्रमा के समय ‘महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धनी अधि व्याधि हरा नित्य, तुलसी त्वं नमोस्तुते’ मन्त्र का जाप अवश्य जरूर करें।

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कुम्भ में स्नान करने के बाद अपनी क्षमता के अनुसार सभी जरूरत मंदो को कुछ न कुछ दान अवश्य करते रहें। कुम्भ में स्नान के बाद दान करने से शुभ फलों कि प्राप्ति होती है। साथ ही पितरों का भी आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

महासंगम में स्नान के बाद अक्षयवट वृक्ष के दर्शन – पूजन भी अवश्य करें। अगर आप महाकुम्भ में स्नान के बाद अक्षयवट के दर्शन या पूजा नहीं करते हैँ तो शुभ लाभ कि प्राप्ति नहीं होती है।

महाकुम्भ में स्नान – दान के बाद बड़े हनुमान जी के दर्शन जरूर करें। मान्यता है कि हनुमान जी कि पूजा शाही स्नान के बाद करने से महाकुम्भ कि धार्मिक यात्रा पूरी हो जाती है।