Income Tax: 31 मार्च से पहले निपटाएं ये जरूरी काम, नहीं तो लाखों रूपये का होगा नुकसान

नई दिल्ली: सरकार ने यूनियन बजट 2025 में बड़ी राहत देने को लेकर घोषणा कर दिया। इसकी वजह से टैक्सपेर्य काफी उत्सुक हैं। टैक्स के नियमों में ये बदलाव अगले वित्त वर्ष के दौरान लागू किया जाना है। आपको वित्त वर्ष 2025-26 का प्लान पुराने नियमों के अनुसार करना पड़ता है। इस वित्त साल का समाप्त होने में थोड़ा दिन ही बचा हुआ है। अगर 31 मार्च के पहले कोई अहम फैसला नहीं लिया गया है तो आपको ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा।

इनकम टैक्स में बदलाव पर देना होगा ध्यान

सैलरीड टैक्सपेयर के पास तो हर वित्त वर्ष के दौरान पुरानी और नई टैक्स रिजीम को शुरू करने का विकल्प मौजूद होता है। टैक्स रिजीम में बदलाव तो आप इनकम टैक्स रिटर्न के दौरान आसानी से कर पाएंगे। पुराने रिजीम के दौरान पीपीएफ, ईएलएसएस और करीब एक दर्जन विकल्प में आपको डिडक्शन करने की सुविधा मिलती है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की आखरी तारीख 31 बताया गया है।

अगर सैलरीड एंप्लाई को टैक्स देना पड़ता है तो आपको सोचसमझकर ही नई और पुरानी टैक्स रिजीम का चुनाव करना चाहिए। अगर आपको समस्या आ रही है तो आप इसमें टैक्स कंसल्टेंट की आसानी से मदद ले पाएंगे।

पुरानी रिजीम के अनुसार होगा डिडक्शन

अगर आप इनकम टैक्स में पुरानी रिजीम का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इनकम टैक्स एक्ट के तहत 1.5 लाख रूपये तक के निवेश पर डिडक्शन क्लेम का फायदा ले सकते हैं। इसके अलावा आप एनपीएस में निवेश कर डिडक्शन को लेकर आसानी से क्लेम कर पाएंगे। कोई भी व्यक्ति परिवार को लेकर 25,000 रूपये तक के डिडक्शन का फायदा ले पाएगा। इसमें किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी।

होम लोन पर टैक्स बैनेफिट का मिलेगा फायदा

अगर आप इनकम टैक्स की पुरानी रिजीम का इस्तेमाल करते हैं आपको डिडक्शन का दावा करने में दिक्कत नहीं होगी। इनकम टैक्स के एक्ट के अनुसार 2 लाख रूपये तक के डिडक्शन का दावा आसानी से कर सकते हैं। इसकी मदद से टैक्स पेयर का काफी टैक्स कम हो जाता है।