नई दिल्ली: देश में क्रेडिट कार्ड को लेकर काफी हंगामा होना शुरू हो चुका है। बैंकिंग सेक्टर द्वारा एक रिपोर्ट जारी हुई है। इसके मुताबिक 2019 के बाद से पिछले पांच सालों के दौरान क्रेडिट कार्ड की संख्या दोगुनी से ज्यादा होने के बाद 10.80 करोड़ तक पहुंच गई है। वहीं इस दौरान क्रेडिट कार्ड की संख्या अलग स्थिति में रही है।
आरबीआई द्वारा रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 के आखिर में क्रेडिट कार्ड वाली संख्या 2019 में पिछले पांच साल के दौरान क्रेडिट कार्ड की संख्या ज्यादा होकर 10.80 करोड़ पहुंच चुकी है। वहीं 2019 के दौरान 5.53 करोड़ प्रचलन में बना हुआ था। इसके अलावा डेबिट कार्ड की संख्या स्थिर हुई है। ये दिसंबर 2019 के 80.53 करोड़ से बढ़ने के बाद 2024 के दौरान 99.09 करोड़ से ज्यादा हो गया है।
डिजिटल भुगतान में बढ़ी तेजी
पिछले दशक के दौरान भारत में डिजिटल भुगतान काफी तेजी से होने लगा है। कैलेंडर साल 2013 के दौरान 772 करोड़ रूपये तक का लेनदेन किया गया था। वहीं 2024 में 94 गुना बढ़ने के बाद 20,787 का लेनदेन किया गया है। इस अनुसार 3.5 गुना बढ़ने के बाद 2,758 करोड़ रूपये हुआ है।
डिजिटल लेनदेन की मात्रा में हुई बढ़त
दिसंबर 2024 के दौरान रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच सालों में भारत में डिजिटल लेनदेन की मात्रा 6.7 गुना के हिसाब 1.6 गुना बढ़ गई है। वहीं पिछले पांच सालों में डिजिटल भुगतान में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं 10 प्रतिशत की वार्षिक बढ़त देखने को मिली है।
आरबीआई द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि दूसरे देशों के साथ मिलकर फास्ट पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देने के बाद यूपीआई लिंक करने की मदद से क्राॅस बार्डर में तेजी की कोशिश जारी है। आरबीआई ने जानकारी दिया है कि लिंकेज की मदद से क्राॅस बार्डर रेमीटेंस पेमेंट की बात करें तो हाई काॅस्ट, लिमिटेड एक्सेस और पारदर्शिता से कमी के बाद इनकी समस्याओं का समाधान होना है। भारत में यूपीआई और सिंगापुर में PayNow की मदद से फरवरी 2023 में लिंक हुआ था।