LPG Gas Cylinder: इन महिलाओं के लिए बड़ी खुशखबरी! केवल इन महिलाओं को मिलेगा फ्री गैस सिलेंडर

LPG Gas Cylinder: अगर आप गरीब परिवार से आते हैं और अब तक गैस कनेक्शन नहीं ले पाए हैं तो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) आपके लिए एक बेहतरीन मौका है। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहने वाली महिलाओं को मुफ्त LPG कनेक्शन दिया जाता है।

इसके साथ ही सरकार 1600 रुपये की आर्थिक मदद भी देती है ताकि सिलेंडर, रेगुलेटर और पाइप जैसी जरूरी चीजें खरीदी जा सकें। देखें किसे मिलेगा PM उज्ज्वला योजना का लाभ PM उज्ज्वला योजना का लाभ सिर्फ महिलाओं को मिलेगा और महिलाओं को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी जो इस प्रकार हैं..

आयु:

PM उज्ज्वला योजना का लाभ उठाने के लिए पहली शर्त यह है कि महिला की आयु 18 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। पहले से गैस कनेक्शन नहीं होना चाहिए: जिस घर में पहले से LPG कनेक्शन है, उसे नया कनेक्शन नहीं मिलेगा। गरीब परिवार से होना जरूरी: अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), गरीब परिवार और प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी इस योजना के लिए पात्र हैं।

पीएम उज्ज्वला योजना के लिए जरूरी दस्तावेज

अगर आप पीएम उज्ज्वला योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आवेदन के लिए इन दस्तावेजों की जरूरत होगी:-

पहचान पत्र – आधार कार्ड या वोटर आईडी

पते का प्रमाण – राशन कार्ड या बिजली बिल

बैंक खाते का विवरण – बैंक पासबुक या IFSC कोड वाला खाता

परिवार प्रमाण पत्र – राज्य सरकार द्वारा जारी प्रमाण पत्र का दस्तावेज

पीएम उज्ज्वला योजना में आवेदन कैसे करें?

अगर आप इस पीएम उज्ज्वला योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो पेट्रोलियम कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी एलपीजी डीलरशिप पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

फॉर्म भरें – उज्ज्वला योजना के लिए आवेदन फॉर्म भरें।

दस्तावेज जमा करें – आधार कार्ड, राशन कार्ड और बैंक विवरण जमा करें।

सत्यापन के बाद मिलेगा गैस कनेक्शन

दस्तावेज सत्यापन के बाद मुफ्त एलपीजी कनेक्शन जारी किया जाएगा। 1600 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी- जिससे आप गैस सिलेंडर और दूसरी ज़रूरी चीज़ें खरीद सकेंगे। अब तक कितने लोगों को फ़ायदा हुआ? उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 1.86 करोड़ ग़रीब परिवारों को गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसके अलावा हर लाभार्थी को 2 मुफ़्त सिलेंडर भी दिए जा रहे हैं। और यह योजना सभी राज्यों में लागू है, जिसके आंकड़े भी अलग-अलग हैं।