Noida-Greater Noida Expressway: नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे की बदलेगी सूरत! सरकार बना रही ये खास प्लान

Noida-Greater Noida Expressway: उत्तर प्रदेश में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे का हाल ही में सर्वे किया गया, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण कमियां सामने आईं। इनमें रात के समय विजिविलिटी की समस्या और साइनबोर्ड की कमी प्रमुख थीं

इन कमियों को दूर करने के लिए लिए फैसला

इन कमियों को दूर करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने एक्सप्रेसवे पर सुधार कार्य कराने का निर्णय लिया है। इससे न केवल यातायात की सुविधा में सुधार होगा, बल्कि दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी।

प्राधिकरण ने साइनबोर्ड लगाने

प्राधिकरण ने साइनबोर्ड लगाने, रोशनी बढ़ाने, और विजिविलिटी को सुधारने के लिए योजनाएं बनाई हैं, ताकि रात के समय ड्राइविंग अधिक सुरक्षित हो सके। यह कदम एक्सप्रेसवे के उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा और सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे का हाल ही में शहरी और पर्यावरण अध्ययन के क्षेत्रीय केंद्र द्वारा सर्वे किया गया, जिसमें कई महत्वपूर्ण कमियां सामने आईं। इनमें प्रमुख रूप से रात में विजिविलिटी की समस्या और कैट्स आई रिफ्लेक्टर की कमी शामिल है, जो रात के समय ड्राइविंग को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी हैं। इसके अलावा, एंट्री और एग्जिट बिंदुओं के बारे में सूचना देने वाले साइनबोर्ड भी गायब पाए गए।

इन कमियों की वजह से सड़क सुरक्षा पर असर पड़ा

इन कमियों की वजह से सड़क सुरक्षा पर असर पड़ा है और हादसों का खतरा बढ़ सकता है, खासकर रात में। साइनबोर्ड और जरूरी मार्करों की अनुपस्थिति से ड्राइवरों को मार्ग में समस्या हो सकती है और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ सकती है।

इन्हें सुधारने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने सुधारात्मक कदम उठाने का निर्णय लिया है। साइनबोर्ड और रिफ्लेक्टर की कमी को दूर किया जाएगा, ताकि एक्सप्रेसवे पर सफर सुरक्षित और सुविधाजनक बने।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के सर्वे का काम RCUES (Regional Centre for Urban and Environmental Studies) को सौंपा गया था। सर्वे में यातायात और भीड़भाड़ को कम करने के लिए कई उपाय सुझाए गए हैं। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं।

नोएडा प्राधिकरण के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) लोकेश एम का कहना है कि प्राधिकरण सर्वे में सुझाए गए उपायों पर काम करेगा। उनका मुख्य उद्देश्य 25 किलोमीटर लंबी नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात प्रवाह को सुगम बनाना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

इन सुधारों के तहत सड़क पर सुरक्षा उपकरणों का इंतजाम, साइनबोर्ड्स की स्थापना, और ट्रैफिक व्यवस्थापन में सुधार करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे एक्सप्रेसवे पर यात्रा अधिक सुरक्षित और सुगम हो सके।