Smart Meter: गुजरात सरकार ने राज्य में बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगाने की योजना शुरू की है, जिससे उपभोक्ता अपनी बिजली खपत के अनुसार प्रीपेड रिचार्ज कर सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य बिजली खपत पर नियंत्रण, बिजली चोरी की रोकथाम, और बिलिंग में पारदर्शिता लाना है। स्मार्ट मीटर स्वचालित रूप से बिजली खपत का डेटा एकत्रित कर वितरण कंपनियों को भेजते हैं, जिससे उपभोक्ता अपनी खपत की वास्तविक समय में निगरानी कर सकते हैं और आवश्यकतानुसार रिचार्ज कर सकते हैं।
हालांकि, कुछ क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर की सटीकता और उच्च बिलिंग को लेकर विरोध भी देखा गया है। कुछ उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उनके बिजली बिल में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इस संदर्भ में, सरकार और बिजली वितरण कंपनियों ने स्पष्ट किया है कि स्मार्ट मीटर की रीडिंग सटीक है, और उच्च बिलिंग के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है।
उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे स्मार्ट मीटर के उपयोग और लाभों के बारे में जागरूक हों, अपनी खपत की नियमित निगरानी करें, और किसी भी असामान्य बिलिंग के मामले में संबंधित वितरण कंपनी से संपर्क करें।
स्मार्ट मीटर लगाने का गुजरात सरकार का मुख्य उद्देश्य बिजली उपभोक्ताओं को सटीक बिलिंग, पारदर्शिता, और बिजली बचत का लाभ देना है। इसके जरिए उपभोक्ता अपनी बिजली खपत को रियल-टाइम में ट्रैक कर सकते हैं और जरूरत के अनुसार प्रीपेड रिचार्ज कर सकते हैं।
स्मार्ट मीटर लगाने के फायदे:
1. गलत बिलिंग से छुटकारा – मैन्युअल रीडिंग में होने वाली गलतियों को खत्म करेगा।
2. बिजली चोरी पर रोक – अवैध बिजली कनेक्शन और अनियमितताओं की पहचान में मदद मिलेगी।
3. प्रीपेड और पोस्टपेड सुविधा – उपभोक्ता अपनी जरूरत के अनुसार रिचार्ज कर सकते हैं।
4. बिजली की बचत – जब उपभोक्ताओं को रियल-टाइम खपत की जानकारी मिलेगी, तो वे बिजली बचाने के लिए अधिक जागरूक होंगे।
5. रिमोट कनेक्शन व डिस्कनेक्शन – बिजली कंपनियां दूर से ही कनेक्शन जोड़ या हटा सकेंगी, जिससे सेवा अधिक सुचारू होगी।
गुजरात सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को भी समर्थन देता है, जिससे बिजली क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का उपयोग बढ़ेगा।