नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अनुसार आने वाले सरकारी कर्मचारियों को लेकर यूनिफाइड पेंशन स्कीम का ऐलान किया है। इस योजना को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाना है। इस योजना का सबसे अहम मकसद कर्मचारियों को शानदार सुरक्षा प्रदान करना है। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार एक बार कर्मचारी यूपीएस का विकल्प चुनता है तो एनपीएस में किसी भी तरह से वापस नहीं जाता है। यह योजना केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नहीं बल्कि, सरकार भी चाहे तो इसको लागू कर फायदा ले सकती हैं।
पेंशन का मिलेगा फायदा
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के अनुसार रिटायरमेंट के पहले 12 महीनों की बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के तौर पर दिया जाना है। वहीं ककर्मचारी की न्यून्तम सैलरी पूरी हो गई हो। अगर कर्मचारी के 10 से 25 साल तक सर्विस की है तो उसको न्यून्तम 10,000 रूपये तक पेंशन मिलती है। वहीं जिन्होंने 25 साल तक वाली सर्विस पूरी की है तो उनको पेंशन उसी उम्र से मिलना शुरू होती है। अगर पेंशनर का निधन होने लगता है, परिवार का पेंशन का इनको 60 प्रतिशत हिस्सा मिलता है।
महंगाई से होगी राहत
सरकार ने साफ कर दिया है कि पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यून्तम पेंशन को महंगाई राहत से जोड़ा जाना है। इस यह लाभ होगा कि पेंशनर्स पर महंगाई का प्रभाव नहीं पड़ता है।
रिटायरमेंट पर मिलेगी रकम
रिटायरमेंट के दौरान कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के अलावा एक अतिरिक्त अमाउंट भी दिया जाता है। यह अमाउंट हर छह महीने की पूरी होने वाली सर्विस पर बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का कई गुना हिस्सा माना जाता है।
निवेश का मिलेगा शानदार विकल्प
वहीं कर्मचारियों को अपने पर्सनल कोष को लेकर निवेश विकल्प चुनना का अवसर मिल जाता है। यदि कोई कर्मचारी ये विकल्प नहीं चुन रहा है तो पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट आथारिटी की निवेश योजना लागू होने वाली है।