PM Vishwakarma Scheme: भारत सरकार देश के लोगों के लिए कई योजनाएं चलाती है। सरकार की इन योजनाओं का लाभ देश के करोड़ों लोगों को मिलता है। सरकार अलग-अलग लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लाती है। ज्यादातर सरकारी योजनाओं का मकसद देश के गरीब जरूरतमंद लोगों की मदद करना होता है। भारत सरकार ने साल 2023 में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की है।
सरकार की इस योजना का लाभ देश के जरूरतमंद लोगों को मिलता है। जो पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े हैं। योजना में सरकार प्रोत्साहन के अलावा प्रशिक्षण भी देती है। इस योजना को लेकर अक्सर कई लोगों के मन में यह सवाल भी आता है। क्या शहरों में रहने वाले लोगों को भी इस योजना के तहत लाभ मिलता है। आइए आपको इसका जवाब बताते हैं.
क्या शहरी लोग पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ उठा सकते हैं?
भारत सरकार द्वारा साल 2023 में शुरू की गई प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता मानदंड तय किए गए हैं। वही पात्रता मानदंड पूरा करने वाले लोगों को इस योजना का लाभ मिलता है। लेकिन आपको बता दें कि सरकार ने इस योजना में क्षेत्र पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगाई है। यानी इस योजना के तहत लाभ देने के लिए यह नहीं देखा जाता कि लाभार्थी शहर में रहता है या गांव में। बशर्ते लाभार्थी 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक से जुड़ा हो।
इन 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक से जुड़ना जरूरी है
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार 18 पारंपरिक व्यवसायों में कामगारों को प्रशिक्षण देती है, जिसमें नाव बनाने वाले, लोहार, सुनार, मोची, मूर्ति बनाने वाले, राजमिस्त्री, पत्थर तोड़ने वाले, ताला बनाने वाले, गुड़िया खिलौना बनाने वाले, बंदूक बनाने वाले, धोबी, माला बनाने वाले, कपड़े सिलने वाले, चटाई की टोकरी बनाने वाले, नाई, टूल किट बनाने वाले, मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले शामिल हैं।
योजना में मिलता है ये लाभ
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को भारत सरकार की ओर से प्रशिक्षण दिया जाता है। और प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये वजीफा के तौर पर दिए जाते हैं। इसके अलावा प्रशिक्षण पूरा होने के बाद टूल किट खरीदने के लिए 15000 रुपये दिए जाते हैं।