ICC के रूल के तहत कोई खिलाड़ी को सिर या आंख में चोट लगती है, तो कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूल लागू होता है। क्रिकेट के इस नियम से अगर कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो उस खिलाड़ी की जगह वैसा ही खिलाड़ी मैदान पे उतारा जायगा जैसे अगर कोई बल्लेबाज को चोट लगती है तो उसकी जगह कोई बल्लेबाज ही उतर सकता है और किसी गेंबाज के बदले सिर्फ गेंदबाज ही रिप्लेसमेंट कर सकता है । हालांकि, हाल ही में पुणे टी20 मैच के दौरान इस नियम का जो उपयोग हुआ, उसने विवाद खड़ा कर दिया।
पुणे टी20 में भारत की जीत के बाद हुए विवाद
भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पुणे में टी20 खेलते हुए उस मैच को 15 रनों से जीत लिया। इस जीत के बाद भारत ने पांच मैचों की टी20 सीरीज में 3-1 की बढ़त बनाते हुए इस सीरीज पे कब्जा कर लिया। लेकिन इस मैच के दौरान एक बड़ा विवाद देखने को मिला, जब हर्षित राणा को शिवम दुबे की जगह कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूल के तहत मैदान पे उतारा गया। हर्षित राणा ने इस मैच में शानदार गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट चटकाए और भारत को मैच जीताने में इनका एहम रोल रहा। लेकिन असली सवाल यह उठा कि आखिर एक तेज गेंदबाज को एक बैटिंग ऑलराउंडर की जगह कैसे उतारा गया?
अश्विन ने भी इस फैसले पर उठाय सवाल
टीम इंडिया के बोलिंग ऑल राउंडर और अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि इस मुकाबला को देखकर ऐसा लग रहा था, “क्या हम आईपीएल का कोई मैच देख रहे हैं? क्या हम भूल गए कि यह एक इंटरनेशनल मैच था? उन्होंने कहा मैंने पहले भी ऐसा होते देखा है 2020 में जब भारतीय स्पिनर रविंद्र जडेजा चोटिल हुए थे तो कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तहत यूजी चहल को मैदान पे उतारा गया था जो की एक स्पिनर की जगह एक स्पिनर को उतारा गया था लेकिन इस बार तो तेज गेंदबाज को बैटिंग ऑलराउंडर के बदले भेज दिया गया!
इंग्लैंड टीम ने भी जताई नाराजगी
इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि:हमें यह समझ में नहीं आया कि एक बैटिंग ऑलराउंडर की जगह एक तेज गेंदबाज कैसे आ सकता है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने भी इस मैच के बाद सवाल उठाय के एक अलग भूमिका वाले खिलाड़ी के बदले एक तेज गेंदबाज मैदान पे कैसे आ सकता है।